Delhi News: महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल से जुड़ा एक मामला सामने आया है। महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से 11 फरवरी को होने वाली एनुअल इंडिया कॉन्फ़्रेंस में आमंत्रित होने का निमंत्रण मिला। लेकिन अभी तक विदेश मंत्रालय से किसी भी तरह का महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल को जवाब नहीं आया है।
क्या रहा मामला अध्यक्षा स्वाति मालीवाल का
बता दें, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी हर वर्ष अपनी एनुअल इंडिया कॉन्फ्रेंस में भारत से जुड़े किसी शख्सियत को आमंत्रित करती है। इस वर्ष ये आमंत्रण महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल को मिला। महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने इस बाबत संबंधित दस्तावेज़ दिल्ली सरकार को पहले ही दे दिए थे। 18 जनवरी को मंजूरी के लिए ये दस्तावेज़ एलजी आफ़िस भेजे गए। एलजी आफ़िस से उन्हें 8 फरवरी को मंजूरी प्रदान कर दी गई और विदेश मंत्रालय की अनुमति के लिए बोला गया। महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने ऐसे में विदेश मंत्रालय से संपर्क किया और एप्लीकेशन भेजी पर उन्हें आज 11 फरवरी तक मंत्रालय की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। आज ही हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में कॉन्फ्रेंस थी।
ऐसे में महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने इस पर बहुत सख़्त टिप्पणी करते हुए कहा कि आज उन्हें पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जी की कार्यशैली की याद आ रही है। स्वाति मालीवाल की मानें तो, "सुषमा जी हर भारतीय को अपना परिवार समझकर काम करती थीं, उन्हें भी अपनी बेटी जैसी मानती थीं। दुख की बात है कि विदेश मंत्रालय उनकी फाइल को दबाकर बैठ गया। सुषमा जी होती तो ऐसा कभी नहीं होता।" उन्होंने आगे लिखा, "सुषमा जी एक ट्वीट पर विदेश में बैठे हिंदुस्तानी की मदद करती थीं, आज मुझे प्रसिद्ध हार्वड यूनिवर्सिटी में अपने महान देश के बारे मं बोलने का मौक़ा मिला तो विदेश मंत्रालय मेरी फ़ाइल पे जवाब नहीं दे पा रहा। ऐसा क्यों?" महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल की मानें तो विदेश मंत्रालय की ओर से न कोई फ़ोन कॉल का जवाब मिला न ही कोई ई-मेल में जवाब।
क्या था विषय एनुअल इंडिया कॉन्फ़्रेंस का
महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की इस एनुअल इंडिया कॉन्फ्रेंस में 'भारतीय लोकतंत्र में महिलाओं की भूमिका' विषय पर अपनी बात रखने के लिए आमंत्रित किया था। ऐसे में इस तरह किसी भी तरह का मंत्रालय से रेस्पांस न मिलना उन्हें नामंजूरी लग रही है। बता दें विदेश के किसी भी इवेंट में जहां राष्ट्र की तरफ़ से हिस्सा लेना होता है, विदेश मंत्रालय से स्वीकृति लेनी होती है। बिना स्वीकृति के इवेंट में हिस्सा नहीं लिया जा सकता।