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स्विग्गी फ़ूड डिलीवरी एप ने महिला वर्कर्स को 2 दिन की पीरियड़ लीव देने का फैसला किया
स्विग्गी का कहना है कि जबसे इन्होंने महिला डिलीवरी को साथ में जोड़ा है इनको और भी ज्यादा फायदा हो रहा है जो कि एक अच्छा साइन है। हर एक महिला का पीरियड पैन अलग अलग होता है और इसको समझना हर किसी की ज़िम्मेदारी है। इसे आप कमज़ोरी के रूप में नहीं बड़कपन के रूप में देखें।
दुती चंद एक इंडियन प्रोफेशनल स्प्रिंटर है और “वूमेन 100 मीटर्स इवेंट” की नेशनल चैंपियन । वो इंडिया की तीसरी महिला रही जो की “Summer Olympic Games ” के 100 मीटर इवेंट में टिक पायी और जित पायीं । वो पीरियड लीव्स के बारे में कहती है की , “उन्हें भी 1 या 2 दिन का रेस्ट दिया जाता है , जब उन्हें या किसी और वूमेन प्लेयर को पीरियड्स होते है या फिर हम ट्रेनिंग करते भी है तो वो हर दिन की तरह की जाने वाली ट्रेनिंग नहीं होती ।
पीरियड्स के दौरान शरीर में दर्द होने से , हमारा शरीर काफी कमजोर हो जाता है और अगर हमें इन दिनों ज़्यादा वर्कआउट करने के लिए बोला जाता है तो हमारी बॉडी ब्रेक डाउन हो जाती है और इससे हमारी परफॉरमेंस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते है ।
2017 में एक साइंटिस्ट ने पीरियड के दर्द की तुलना हार्ट अटैक के लक्षणों से की और लंदन की “हेल्थ यूनिवर्सिटी” के प्रोफेसर John Guillebaud के अनुसार भी क्रैम्प का दर्द हार्ट अटैक के दर्द के बराबर है । काफी समय से महिलाऐं , इस मुश्किल वक्त में भी काम करती आ रही है , अपने एब्डोमिनल दर्द को सहते हुए या फिर पेनकिलर्स लेते हुए क्योंकि उन्हें काम को साधारण पीरियड प्रॉब्लम के लिए स्किप करना शर्मनाक लगता है । कई महिलाओं को पीरियड्स की वजह से छुट्टी की बात करने में अपमान महसूस होता है और इसी कारण वो अपनी हेल्थ से कोम्प्रोमाईज़ करती है और चुप चाप मुश्किल समय में भी काम करती रहती है ।