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जैसा की फिल्म के दमदार ट्रेलर में दिखाया गया है थप्पड़ कहानी है एक हाउसवाइफ की जिस पर उसका पति पूरे समाज के सामने उस पर हाथ उठा देता है जो उसके आत्म -सम्मान को ठेस पहुंचता है । इस पर वो डाइवोर्स लेना चाहती है तो उसके रिश्तेदार और माता-पिता उसे मना करते हैं और उसे समझौता करने के लिए कहते हैं । उसे कहा जाता है की एक थप्पड़ ही तो मारा है कोई बात नहीं । पति कुछ भी कर सकता है ।
तुम पर डिवोर्सी का टैग लग जाएगा , तुम्हारी ज़िन्दगी खराब हो जायेगी । क्यों पति कुछ भी कर सकता है । क्या डोमेस्टिक वायलेंस में थप्पड़ एहम भूमिका नहीं निभाता । क्या हमे कोई भी कभी थप्पड़ मार सकता है । क्या थप्पड़ मारना एक आम बात है?
किसी भी रिश्ते में पति और पत्नी दोनों ही सामान भूमिका निभाते हैं । पति -पत्नी का रिश्ता बराबरी का होना चाहिए । हर इंसान अपनी ज़िन्दगी में इज़्ज़त डेसेर्वे करता है, चाहे वो पति हो या पत्नी , छोटा हो या बड़ा तो आप जिसको जितनी इज़्ज़त दोगे उतनी लोगे ।
इस ट्रेलर में जैसा की दिखाया गया है की एक जोड़ा हस्ते -खेलते हुए अपनी ज़िन्दगी जी रहे हैं पर पार्टी में बिना किसी कसूर के भी सबके सामने थप्पड़ मार देना जितना ही किसी और की मर्यादा को ठेस पहुंचाता है उतना ही एक पत्नी की सेल्फ -रेस्पेक्ट को भी ।
किसी भी तरह की मार-पीट या किसी भी तरह की गालियाँ देना डोमेस्टिक वायलेंस में आता है। किसी भी तरह से किसीको हर्ट करने का हक़ किसी के पास नहीं है ।
पत्नी की तरफ से ही समझौता क्यों ?
कभी-कभी समझौता करना सही बात होती है पर अपनी सेल्फ -रेस्पेक्ट पर समझौता करना बिलकुल सही नहीं है । कोई भी चाहे वो आपका पति ही क्यों न हो, किसी के पास भी हक़ नहीं है आपको मारने का हक़ किसी के पास भी नहीं है । हम सब इंसान है किसी न किसी तरह गुस्सा आ जाता है पर सबसे ज़रूरी बात है की गुस्सा दिखाने का तरीका। अपनी फीलिंग्स को संभालकर रखना और उन्हें अच्छे से पोर्ट्रे करना ही अक्लमंदी की निशानी होती है । हर रिश्ते को बनाये रखने के लिए समझौता दोनों तरफ से होना चाहिए सिर्फ पत्नी की ही तरफ से नहीं ।