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सपने और आशाएं तो हमेशा रहती है
जब टाइम्स ऑफ इंडिया के इंटरव्यू के दौरान उनसे उनकी फिल्म के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वो इस दिशा में छोटे छोटे कदम ले रहीं हैं और मंज़िल तक पहुँचने की कोशिश कर रहीं हैं।
कभी न हार मानने वाली ताहिरा कहती हैं "मेरा इरादा फ़िल्म बनाने का है। इस लॉक डाउन की वजह से सबकी ज़िन्दगी में पॉज लग गया है। मुझे नही पता कि भविष्य में क्या होगा पर सपने और आशाएं तो हमेशा ही ज़िंदा रहतीं हैं।"
लॉक डाउन में भी ताहिरा अपनी क्रिएटिविटी दिखा रही हैं। उन्होंने अपनी खुद की लिखी हुई कहानियों की सीरीज़ "द लॉक डाउन टेल्स" शुरू की है जिसमे वो इन कहानियों को खुद सुनाती हैं।
आयुष्मान सीनियर है
ताहिरा फ़िल्म बनाना चाहती हैं। वो ये भी मानती है कि आयुष्मान एक एक्टर के तौर पर कितनी तरक्की कर रहे हैं और ऐसे एक्टर के साथ काम करने में उन्हें बहुत खुशी मिलेगी पर वो ये भी कहती हैं
"आयुष्मान इस इंडस्ट्री में मुझसे सीनियर है तो मुझे कुछ अच्छी फिल्में बनानी होंगी और एक अच्छी पोजीशन हासिल करनी होगी तभी मैं उनके साथ काम करना डिज़र्व करूँगी।"
वो ये बात भी मानती हैं कि अगर आयुष्मान और वो साथ मे काम भी करते हैं तो भी उन्हें नही आता कि उनकी केमिस्ट्री कैसी होगी।
"क्योंकि हम दोनों पति पत्नी हैं तो मुझे नही पता कि हम डायरेक्टर एक्टर का डेकोरम मेन्टेन कर पाएंगे या पति पत्नी की तरह सेट्स पर भी बीहेव करेंगे।"
लॉक डाउन टेल्स
ताहिरा अपनी दो शार्ट फिल्म्स के लिए जानी जाती हैं - टॉफी और पिन्नी।
उन्होंने 2018 में अपना डेब्यू 'टॉफी' से किया था जो।दो लड़कियों की कहानी थी जहाँ वो दो एक दूसरे के क्लास डिफरेंसेस को छोड़ कर एक बहुत क्लोज़ फ्रेंडशिप बनाती हैं।
दूसरी फ़िल्म 'पिन्नी' ताहिरा का एक बड़ा प्रोफेशनल कदम था। ताहिरा ने इसमे लीड किरदार के लिए नीना गुप्ता को कास्ट किया था।
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