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मिलिए रिपब्लिक डे परेड की पहली फीमेल एडजुटेंट तान्या शेरगिल से

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Swati Bundela
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इस बार रिपब्लिक डे की परदे बहुत ही ख़ास होनेवाली है क्योंकि इस बार की परेड में परेड एडजुटेंट एक महिला है । बहुत ही रोबदार तरीके से आर्मी यूनिफॉर्म में कप्तान तान्या शेरगिल फ़ौज का नेतृत्व करेंगी । शी दपीपल.टीवी के साथ एक ख़ास इंटरव्यू में उन्होंने बताया हमे अपने बचपन और फ़ौज में अपने एक्सपीरिएंस के बारे में ।

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कॉलेज के फाइनल ईयर में तान्या टीसीएस नाम की कंपनी में भी सेलेक्ट हुई पर उन्होंने कंपनी ज्वाइन नहीं की क्योंकि वो हमेशा से आर्मी में जाना चाहती थी । तान्या का कहना है की उनकी जेनेरशन के लिए यह बहुत बड़ी बात है की आजकल लडकियां भी आर्मी में जा सकती हैं ।



आर्मी में जाने का सपना

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तान्या का कहना है की वो हमेशा से आर्मी में जाना चाहती थी । बचपन से उन्होंने फ़ौज में जाने का सपना देखा था । तान्या के पिता भी आर्मी में थे तो जब वो अपने पिता को आर्मी यूनिफॉर्म में तैयार होकर काम पर जाते हुए देखती थी तो उन्हें बहुत अच्छा लगता था इसलिए आर्मी यूनिफार्म  के लिए प्यार हमेशा से ही उनके दिल में था। वो हमेशा से यूनिफार्म पहनना चाहती थी । अपने बचपन के बारे में बताते हुए तान्या कहती हैं की वो हमेशा अपने पिता के शूज पहनती थी जो की उनके लिए बहुत बड़े होते थे । उनके पिता की कैप पहनना भी उन्हें बहुत पसंद था । उन्हें बच्पा से ही आर्मी यूनिफार्म के लिए बहुत प्यार था.

आर्मी ज्वाइन करने का सफर

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कॉलेज के फाइनल ईयर में तान्या टीसीएस नाम की कंपनी में भी सेलेक्ट हुई पर उन्होंने कंपनी ज्वाइन नहीं की क्योंकि वो हमेशा से आर्मी में जाना चाहती थी । तान्या का कहना है की उनकी जेनेरशन के लिए यह बहुत बड़ी बात है की आजकल लडकियां भी आर्मी में जा सकती हैं ।

ट्रेनिंग की चुनोतियाँ

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ट्रेनिंग के बारे में तान्या का कहना था की यह थोड़ा मुश्किल होता है जो की ज़रूरी भी है ताकि आप नार्मल लोगो से अलग जाकर आर्मी के लिए तैयार हो सके । मेरे पिता भी अफसर'स ट्रेनिंग अकादमी चेन्नई से पास्ड आउट है और मैंने भी वहीँ से ट्रेनिंग ली तो जब वो मेरे पासिंग आउट सेरेमनी के लिए आये तो वो उनके लिए बहुत इमोशनल मोमेंट था क्योंकि वो अपना टाइम दोबारा देख रहे थे ।

स्टार्स पहनने की फीलिंग

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स्टार्स पहनना मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी क्योंकि मैं हमेशा से फ़ौज में जाना चाहती थी और यह मेरे लिए बहुत बड़ा दिन था । 11 मार्च,2017 मेरे लिए बहुत बड़ा दिन था । दुनिया आपकी मेहनत और एफ्फोर्ट्स को नहीं देखती वो आप जानते हो । बाकी लोग बस एक दिन देखते हैं चाहे वो आर्मी डे हो या रिपब्लिक डे ।

कंटिंजेंट को लीड करने की फीलिंग



जब आपको आपकी रेजिमेंट कंटिंजेंट को लीड करने का मौका देती है तो यह एक बहुत ज़िम्मेदारी की बात है। आपको इसके लिए ग्रेटफुल होना चाहिए और फील्ड पर अपना 100 परसेंट देना चाहिए ।
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