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टिकरी बॉर्डर गैंगरेप मामले के बारे में 10 बातें

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Swati Bundela
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टिकरी गैंगरेप मामला : टिकरी बॉर्डर पर एक 25 साल की महिला एक्टिविस्ट के साथ गैंगरेप करने के आरोप में हरियाणा पुलिस ने दिल्ली के किसान आंदोलन से जुड़े 6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया।

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पीड़ित महिला की मौत अप्रैल 30 को COVID-19 के कारणवश हुई जब उनका एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था। आरोपियों के नाम है - अनिल मलिक, अंकुश सांगवान, जगदीश बरार, अनूप सिंह और 2 महिलाएं भी थी जिनके नाम अभी तक उजागर नहीं हुए हैं। इन सभी आरोपियों ने टिकरी बॉर्डर पर किसान सोशल आर्मी नाम से अपना टेंट लगाया था। इनके खिलाफ IPC की धारा 365, 342, 376-D, 506, 120-B के तहत केस दर्ज हुआ है।

टिकरी बॉर्डर गैंगरेप मामले के बारे में अधिक जानकारी

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• मृतक कार्यकर्ता एक कलाकार एवं डिजाइनर थीं। वे गत 1 अप्रैल को बंगाल के हुगली में किसानों द्वारा आयोजित एक सभा में भी उपस्थित थीं। FIR के मुताबिक, सभी आरोपी भी उस सभा में शामिल थे।



• इसके बाद महिला एक्टिविस्ट ने दिल्ली में किसान आंदोलन में शामिल होने का निर्णय लिया। गत 11 अप्रैल को, महिला जब ट्रेन से पंजाब आ रही थी, तो अनिल मलिक ने उसके साथ बदसलूकी करने की कोशिश की, परंतु पीड़ित महिला किसी तरह वहां से बच निकली।
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• 12 अप्रैल जब महिला दिल्ली में धरना स्थल पर पहुंची, तो उस पर आरोपियों के साथ एक ही टेंट साझा करने के लिए दबाव बनाया गया। FIR के अनुसार, लड़की ने अपने पिता को बताया कि आरोपी उसे दबाव में लेने और ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे थे। लड़की के साथ घटना सामने आने पर परिजनों ने इस मामले को किसान नेताओं के संज्ञान में लाया और लड़की के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग भी हुई। इसके बाद लड़की को दूसरे महिला प्रदर्शनकारियों के साथ अन्य टेंट में शिफ्ट कर दिया गया। टिकरी गैंगरेप मामला
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• पिछले 21 अप्रैल को, पीड़ित लड़की को बुखार होने की वजह से अस्पताल ले जाया गया। वहां उसे COVID-19 से संक्रमित बताया गया। पीड़िता ने अपने पिता को बताया कि आरोपियों ने ट्रेन और टेंट में उसका यौन उत्पीड़न किया। मरने से पहले पीड़िता ने आरोपियों को सजा देने की मांग की परंतु वह चाहती थी कि किसान आंदोलन को कोई नुकसान नहीं पहुंचे।

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• पीड़िता की COVID-19 के कारण गत 30 अप्रैल को मौत हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, किसान नेताओं ने बताया कि किस कारण FIR इतनी देर से दर्ज की गई। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेताओं ने टिकरी बॉर्डर पर कहा कि उन्होंने मामले का पता चलने पर तुरंत जांच करी परंतु यह नहीं बताया कि उन्होंने पुलिस को इस मामले के बारे में इतना देर से क्यों बताया। FIR दर्ज होने से 4 दिन पहले ही महिला के आरोप को प्रमाणित किया गया था।

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• जोगिंदर सिंह उग्रहण, BKU एकता उग्रहण के प्रेसिडेंट ने कहा कि उन्होंने इस मामले की जांच की थी और महिला के आरोप को सच भी बताया। उन्होंने कहा कि तब FIR दर्ज की गई थी और आरोपियों को प्रोटेस्ट की साइट से हटा दिया गया था।



• SKM ने रविवार को इस केस के सभी आरोपियों का बहिष्कार किया और कहा कि वह
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पीड़िता के परिवार के साथ खड़े हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।



• हरिंदर कौर बिंदु, जोकि BKU एकता उग्रहण की महिला हेड हैं, ने कहा कि SKM के अधिकतर नेताओं को इस घटना की सूचना पहले से ही थी। उसने कहा, "हम आश्चर्य में है कि उन्होंने इस पर चुप्पी क्यों रखी और हमें पीड़िता के पिता से मिलने नहीं दिया, जिन पर काफी प्रेशर था"। टिकरी गैंगरेप मामला



• SKM ने कहा कि किसान सोशल आर्मी जिन्हें अब इस आंदोलन से बाहर कर दिया गया है, वह इस आंदोलन के अधिकृत प्रतिनिधि नहीं थे।



• पंजाब किसान यूनियन के नेता जसबीर कौर नट्ट ने कहा कि यह मामला काफी गंभीर है। उन्होंने कहा, "यहां इस आंदोलन में पुरुष और महिलाओं के बीच कोई अंतर नहीं है और महिलाएं भी बड़ी संख्या में भाग ले रही हैं। किसान इसकी जांच करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटना दोबारा ना हो"।
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