TB Or Tuberculosis: आज संपूर्ण विश्व टीबी दिवस (World Tuberculosis Day) मना रहा है। टीबी एक संक्रमित रोग है। टीबी के प्रति कम जागरूकता और कमजोर इम्यून सिस्टम टीबी को बढ़ावा देता है। शरीर में टीबी कई प्रकार की होती हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में टीबी का असर ज्यादा बुरा पड़ता है। ऐसा इसलिए कि महिलाओं में होने वाली टीबी भ्रूण के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल देती है।
महिलाओं में जो कॉमन टीबी (TB) है वो है गर्भाशय में टीबी। टीबी महिलाओं में गर्भाशय में बहुत बुरा असर डालती है। कई बार महिलाओं में टीबी से बांझपन भी आ जाता है। टीबी को क्षय रोग के नाम से भी बुलाते हैं। मुख्यत: इसके जीवाणु हवा से फैलते हैं। टीबी के जीवीणु का नाम माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (Mycobacterium tuberculosis) है। ज्यादातर टीबी फेफड़ों में पाई जाती है लेकिन ये शरीर के अन्य अंगों में भी हो सकती है। किसी भी हिस्से में टीबी होना शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य को खराब कर देता है।
कैसे होता है टीबी का रोग
जब किसी टीबी से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में कोई आता है तो हवा के माध्यम से टीबी के जीवाणु संबंधित व्यक्ति के शरीर में भी प्रवेश कर जाते हैं। इसके अलावा टीबी के जीवाणु खांसने, छींकने और टच करने आदि से फैल सकते हैं। इसके साथ ही शरीर की कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता टीबी संक्रमण पैदा कर सकती है। इसलिए जरूरी है शरीर की इम्यूनिटी कमजोर न होने दें।
टीबी के लक्षण क्या हैं
टीबी के लक्षणों में मरीज को शारीरिक रूप से कमजोरी महसूस होती है। इसके साथ ही अन्य लक्षणोें में खांसी होना, बलगम आना, खांसी के दौरान खून और कफ आना, बुखार रहना, भूख कम लगना, सांस लेने में दर्द, वजन में कमी और शरीर में सुस्ती और कमजोरी शामिल हैं।
टीबी होने पर क्या करें
किसी भी तरह उपर्युक्त लक्षण दिखने पर डॉक्टरों से तुरंत संपर्क करें। टीबी का इलाज आज संभव है। एक बार टीबी के होने पर टीबी को पूरी तरह शरीर से खत्म किया जा सकता है लेकिन इसकी दवाएं लगातार चलानी होती हैं। यानि टीबी की दवा का कोर्स लगातार पूरा करना होता है। बीच में दवाई छोड़े देने से एमडीआर यानी मल्टी ड्रग सेसिस्टेंट का खतरा बढ़ सकता है। इसमें टीबी की दवा का असर कम हो जाता है और टीबी दोबारा हो जाती है। इसलिए टीबी होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
विश्व टीबी दिवस (World Tuberculosis Day) पर लोगों को टीबी या क्षय रोग के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ जगह-जगह टीबी से जुड़े कैंप लगाए जाते हैं। टीबी मरीजों को सलाह देने के साथ उनका चेकअप किया जाता है।