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Image Credits: The Times of India
Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक में भारत का एकमात्र प्रतिनिधित्व करने वाली जुडोका तुलिका मान का सफर एक नाटकीय अंत पर पहुंच गया। कुबा की दिग्गज खिलाड़ी इडालिस ऑर्टिज़ ने महिलाओं की 78 किलोग्राम वर्ग में तुलिका को शुरुआती ही राउंड में शिकस्त दे दी। यह मुकाबला महज़ 26 सेकंड तक चला और ऑर्टिज़ ने काटाते-जिमे (एक चोकहोल्ड मूव) के ज़रिए तुरंत इप्पोन स्कोर कर मैच अपने नाम कर लिया।
Tulika Maan का ओलंपिक सफर खत्म: पेरिस में एकमात्र भारतीय जुडोका ने किया देश को गौरवान्वित
तुलिका मान ने भारतीय जुडो को कई बार गौरवशाली ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उनके इस ओलंपिक सफर ने कई लोगों को प्रेरित किया है। हालांकि, इस बार परिणाम उनके पक्ष में नहीं रहा, लेकिन उन्होंने भारतीय जुडो में अपना एक खास मुकाम जरूर बनाया है।
25 वर्षीय तुलिका ने कंटिनेंटल रैंकिंग कोटा के ज़रिए पेरिस ओलंपिक का टिकट हासिल किया था। उनकी इस उपलब्धि ने ही उन्हें भारतीय जुडो की एक नई पहचान दी है। भले ही इस बार सफलता न मिली हो, लेकिन उनका हौसला और जज़्बा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बना रहेगा।
Tulika Maan: पेरिस ओलंपिक के लिए तैयार Indian Judoka
अप्रत्याशित रूप से पेरिस ओलंपिक में चयन
उनकी लगन और जीतने का जुनून ही उन्हें इस क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ में से एक बनाता है। 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतकर उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। 25 वर्षीय तुलिका मान ने एक बार फिर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। 26 जुलाई 2024 को होने वाले पेरिस ओलंपिक का सभी को बेसब्री से इंतजार है। इसी बीच, जूडो के +78 किग्रा भार वर्ग में कॉन्टिनेंटल कोटा के तहत तुलिका मान का चयन ओलंपिक के लिए हो गया, जो एक सुखद आश्चर्य था।
पेरिस ओलंपिक की वेबसाइट पर तुलिका का यह बयान प्रकाशित हुआ है, "जूडो हमेशा आश्चर्य से भरा होता है और आप कभी नहीं जान सकते कि आगे क्या होने वाला है। मैं खुद देखिए, पेरिस ओलंपिक में कैसे पहुंच गई! लेकिन मेरी ट्रेनिंग को देखते हुए, मैं उम्मीद कर रही हूं कि कम से कम कांस्य पदक मैच के लिए तो क्वालीफाई कर ही लूंगी, अगर फाइनल नहीं भी हुआ। हम तो स्वर्ण के लिए ही अभ्यास कर रहे हैं।"
जल्दी शुरू हुआ जूडो का सफर
दिल्ली की रहने वाली तुलिका मान ने कम उम्र में ही जूडो सीखना शुरू कर दिया था। वह राष्ट्रीय जूनियर जूडो प्रतियोगिता में रजत पदक विजेता रहीं और 2018 में जयपुर में राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप जीतकर उन्होंने अपने करियर की शुरुआत शानदार तरीके से की। 2019 में वह वाल्सॉल राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप की विजेता रहीं और दक्षिण एशियाई खेलों में भी उन्होंने स्वर्ण पदक जीता। 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने के बाद उनकी लोकप्रियता और बढ़ गई।
पेरिस 2024 की चुनौतियां और लक्ष्य
पेरिस खेलों 2024 के बारे में तुलिका ने बताया कि कैसे उनके कोच यशपाल सोलंकी ने कई प्रतियोगिताओं की सूची बनाई थी, लेकिन उनमें से पेरिस ओलंपिक 2024 शामिल नहीं था। उन्होंने कहा कि अवतार सिंह (100 किग्रा) और विजय यादव (60 किग्रा) के ओलंपिक कोटा हासिल करने की संभावना थी और उन्हें स्वयं कोटा हासिल करने की उम्मीद नहीं थी। तुलिका ने अपनी सबसे कड़ी प्रतिद्वंदी, चीन की सू शिन के बारे में भी बात की। "वह मेरी सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी होंगी क्योंकि 2022 की एशियाई चैंपियनशिप में उनके साथ मुकाबले के दौरान मैं घायल हो गई थी। मुझे लगता है कि वह मेरी अब तक की सबसे कठिन प्रतिद्वंदी रही हैं। फ्रांस की रोमाने डिको भी एक अच्छी प्रतियोगी हैं। वह चीनी खिलाड़ी जितनी भारी नहीं हैं, लेकिन तेज और दमदार हैं।"
भारत की उम्मीद - तुलिका मान
तुलिका मान पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की ओर से जूडो में भाग लेने वाली एकमात्र महिला हैं और अब तक ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली केवल नौवीं महिला जूडोका हैं। तुलिका मान निस्संदेह भारत की उम्मीद हैं। उन्होंने जूडो में देश का नाम रोशन किया है और निरंतर प्रगति कर रही हैं। आगामी पेरिस ओलंपिक 2024 में उनका प्रदर्शन शानदार रहने की उम्मीद है। हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं और उनके सफलता के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं!