Turkey-Syria Earthquake: तुर्की में आए भूकंप में बचाव और राहत कार्य के दौरान एक तुर्की महिला द्वारा भारतीय सेना की महिला कर्मी को गाल पर किस और गले लगाने की दिल को छू लेने वाली तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। आपको बता दें की इस पिक को भारतीय सेना के अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय (ADG PI) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया था। उस पिक को शेयर करते हुए कैप्शन था की "हम परवाह करते हैं," ।
भारतीय सेना के जवान को गले लगाकर तुर्की महिला ने किया आभार व्यक्त
हम आपको बता दे की गुरुवार को पोस्ट की गई इस खूबसूरत तस्वीर को 24 घंटे से भी कम समय में 769,500 से अधिक बार देखा गया, 19,000 से अधिक लाइक्स और 3,254 रीट्वीट मिले। "यह तस्वीर 1,000 शब्दों के लायक है।
एक ट्विटर यूजर ने ट्वीट किया की "इस चित्र में कृतज्ञता को बखूबी दर्शाया गया है। मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया है, मुझे एक भारतीय होने पर गर्व है। हम यही हैं—मानवता के साकार रूप,” एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, "दुनिया का सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है।"
भारतीय सेना ने बचाया 6 साल की बच्ची को
गुरुवार को एक भारतीय बचाव दल ने महज 6 साल की एक बच्ची को बाहर निकाला, वह बच्ची तुर्की में तीन दिनों से मलबे में फंसी हुई थी। आपको बता दें उस बच्ची (नसरीन) को भारतीय सेना के 16 पैराफिल्ड अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया।
वहां के कैंप डॉक्टर के अनुसार नसरीन को जब लाया गया तब उसकी हालत ठीक नहीं थी। हादसे में बच्ची के बायां पैर में चोट लग गई थी। उसकी हालत अब ठीक है पहले से, नसरीन की मुस्कान वाली तस्वीर इंडिया टुडे में तब पोस्ट की गई थी जब टीम तुर्की में भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल में उसके स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की गई थी।
भारत ने तुर्की और सीरिया में भूकंप के बाद सहायता प्रदान करने के लिए ऑपरेशन मित्रों को लॉन्च किया। भारत के देशों की मदद के लिए एक फील्ड अस्पताल, एक विशेष अन्वेषण और बचाव कर्मियों की टीम, दवाएं, उपकरण, राहत सामग्री आदि भेज रहा है।
आपको जानकर गर्व महसूस होगा भारत तुर्की और सीरिया के भूकंप प्रभावित देशों को मदद भेजने वाले पहले देशों में शामिल था। NDRF कर्मियों, विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड, ड्रिलिंग मशीन और बचाव मिशन के लिए आवश्यक अन्य यांत्रिक उपकरण भारत द्वारा भेजे गए थे। भारत ने मलबे के नीचे फंसे लोगों की पहचान करने के लिए गरुड़ एयरोस्पेस के द्रोण ड्रोन भी प्रदान किए। भारत के किसान ड्रोन ने मलबे के नीचे फंसे लोगों तक खाना, पानी और दवाइयां मुहैया कराई।
नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या 21,000 से अधिक हो गई है।