“अनपढ़” कहे जाने वाली पुणे की दो महिलाओं ने SSC पास कर रची नई कहानी

पुणे की दो कचरा बीनने वाली महिलाओं ने समाज की उपेक्षा को पीछे छोड़ते हुए SSC परीक्षा पास की। यह खबर संघर्ष, आत्मबल और शिक्षा के प्रति उनके समर्पण की मिसाल है।

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Priya Singh
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Two women from Pune cleared SSC

Photograph: (Times of India)

Two women From Pune Who Were Called Anpadh Created A New Story By Passing SSC: पुणे की दो महिलाएं, जिन्होंने कभी समाज की नजरों में केवल कचरा बीनने वाली की पहचान पाई थी, आज शिक्षा के माध्यम से नई मिसाल पेश कर रही हैं। प्रियंका कांबले और कोमल गायकवाड़ ने तमाम कठिनाइयों और सामाजिक उपेक्षा के बावजूद दसवीं की परीक्षा पास कर अपनी ज़िंदगी का नया अध्याय शुरू किया है। उनका यह सफर न केवल आत्म-सम्मान की पुनर्प्राप्ति की कहानी है, बल्कि यह प्रेरणा देता है कि सच्ची इच्छाशक्ति और मेहनत से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।

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“अनपढ़” कहे जाने वाली पुणे की दो महिलाओं ने SSC पास कर रची नई कहानी

Times of India की खबर के अनुसार, पुणे की रहने वाली प्रियंका कांबले (27) और कोमल गायकवाड़ (26) वर्षों से कचरा बीनने का कार्य कर रही थीं। समाज और ससुराल वालों की उपेक्षा और 'अनपढ़' कहे जाने की पीड़ा ने उन्हें भीतर तक झकझोर दिया था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। प्रियंका, जो SWaCH सहकारी समिति की सदस्य हैं, को तीसरी कक्षा के बाद स्कूल छोड़ना पड़ा था। शादी के बाद जब वह सोलापुर अपने ससुराल गईं तो उन्हें अक्सर अनपढ़ कहा जाता था। उन्होंने वहां की अपमानजनक ज़िंदगी छोड़ पुणे लौटने का फैसला किया, ताकि आत्मनिर्भरता और सम्मान के साथ जीवन जी सकें।

2022 में उन्होंने रमाबाई रानाडे स्कूल में दाखिला लिया। दिन में कचरा इकट्ठा करतीं, फिर बेटे के लिए खाना बनाकर स्कूल जातीं। उन्होंने 48% अंकों के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की और अब उनका सपना है कि वे आंगनवाड़ी सेविका बनें। उनके इस सफर में उनके शिक्षकों का योगदान अहम रहा, जिन्होंने उन्हें हर परिस्थिति में प्रोत्साहित किया।

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वहीं दांडेकर पुल वस्ती की कोमल गायकवाड़, जिन्होंने कभी स्कूल नहीं देखा था, ने भी बड़ी हिम्मत दिखाई। शादी के बाद उन्हें शिक्षा न होने पर ताना झेलना पड़ा। कोविड महामारी के दौरान जब पति की मृत्यु हुई, तब वे गर्भवती थीं और उन्हें परिवार चलाने की जिम्मेदारी उठानी पड़ी। ससुराल वालों ने कहा कि वह अशिक्षित हैं और कुछ नहीं कर पाएंगी, लेकिन उन्होंने नाइट स्कूल में दाखिला लिया और 58% अंकों से SSC पास की।

अब कोमल अपनी बेटी के लिए प्रेरणा बन गई हैं और जूनियर कॉलेज में पढ़ाई जारी रखने की तैयारी में हैं। उनका कहना है, “मेरे शिक्षक मेरा मार्गदर्शन करेंगे और मैं आगे बढ़ती रहूंगी।”

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