Udaipur Rajiya: ईद आने में अब ज्यादा दिन दूर नहीं। लेकिन रमजानों में सेवइयों की बात न हो, ऐसा कैसे हो सकता है। आज बात करते हैं रजिया बानो की। रजिया बानो की सेवइयां उनकी पहचान हैं। रजिया बानो की सेवइयों का हर कोई कायल है।
सेवइयों के स्वाद के क्या कहने। ईद के मौके पर हर किसी की सेवइयों की डिमांड होती है। मालूम हो जिस तरह होली में गुजियों की मांग रहती है उसी तरह ईद में सेवइयों की रहती है। एक-दूसरे को सेवइयां गिफ्ट की जाती हैं, ऐसे में जिसकी सेवइयों का इंतजार रहता है वो हैं उदयपुर से रजिया बानो।
कौन हैं रजिया बानो
रजिया बानो राजस्थान के उदयपुर की रहने वाली हैं जिनकी सेवइयों का स्वाद हर कोई चखना चाहता है। रजिया बानो की सेवइयों की खास बात ये है कि उनकी सेवइयां आज भी हाथ से बनाईं जाती हैं। इस हाथ से बनी सेवइयों को खाने के लिए लोग दूर-दराज से उनके पास आते हैं।
क्यों शुरू किया सेवइयों का कारोबार
दरअसल बात 22 वर्ष पहले की है। सब कुछ अच्छा था लेकिन अचानक उनके शौहर का इंतकाल हो गया जिसके चलते पारिवारिक स्थिति बिगड़ गई। ऐसे में रजिया ने सेवईयों के कारोबार को शुरु करने की सोची। आज उनकी सेवइयों की ये मिसाल है कि सेवइयों को हर कोई खाना चाहता है।
अरब तक से आते हैं ऑर्डर
रजिया बानो के हाथ की सेवइयों का भारत ही नहीं विदेश भी कायल है। उनकी हाथ से बनी सेवइयों के लिए गल्फ कंट्रीज़ तक के देशों से ऑर्डर आते हैं। रजिया की मानें तो उनके हाथ की सेवइयों को विदेशी लोग ज्यादा पसंद करते हैं। ईद के लिए पहले से ही उनके पास ऑर्डर्स आने शुरू हो जाते हैं। इसके साथ ही रजिया बानो का कहना है कि उनकी सेवइयों को अरब के लोग ज्यादा पसंद करते हं। जिन देशों से उनके पास ज्यादा डिमांड आती है उनमें कुवैत, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, ईरान और सऊदी अरब हैं।
वहीं रजिया बानो का यह भी कहना है कि रमजान के महीने में उनके पास ज्यादा डिमांड आती है। इसके लिए उनका 10-15 किलो तक आटा लग जाता है। सेवइयों को बनाने के लिए उनका पूरा परिवार इस काम में लग जाता है।