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"Unnatural sexual relations without the consent of the wife is not a crime" Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान कहा कि अगर पत्नी की उम्र 15 साल से अधिक है तो पति द्वारा की गई किसी भी सेक्सुअल एक्टिविटी को अपराध या रेप नहीं माना जा सकता। क्योंकि अप्राक्रतिक कृत्य के लिए महिला की सहमति मायने नहीं रखती। कोर्ट ने रेप और अन्य आरोपों के लिए दोषी बताए गये एक व्यक्ति को बरी कर दिया और कहा कि किसी व्यक्ति के द्वारा अपनी पत्नी के साथ बनाएं गए यौन सम्बंधों को रेप नहीं माना जा सकता है भले ही इसमें महिला की सहमति ना हो।
Unnatural Sex: "पत्नी की सहमती के बिना अप्राक्रतिक यौन सम्बंध अपराध नहीं" छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
क्या है मामला?
2017 में आरोपी को गिरफ्तार किया गया था, उस समय उस पर उसकी पत्नी की मृत्यु के बाद भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376,377 और 304 के तहत बलात्कार, अप्राकृतिक यौन सम्बन्ध और हत्या के समान अपराध के आरोप लगे थे। पत्नी ने मृत्यु से पहले अपने पति पर यह आरोप लगाया था कि पति ने जबरन अप्राकृतिक यौन सम्बन्ध बनाए जिससे वह बीमार हो गई।
यह फैसला क्यों सुनाया?
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा कि IPC की धारा 375 में 2013 में हुए संसोधन के अनुसार यदि पत्नी 15 साल से अधिक की है या वयस्क है तो पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ किया गया यौन सम्बंध अपराध नहीं माना जाएगा। इसलिए पत्नी की सहमती के बिना बनाया गया यौन सम्बन्ध अपराध नहीं माना जा सकता है।
PTI के मुताबिक हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि IPC की धारा 377 पति पत्नी के बीच लागू नहीं होती है। क्योंकि धारा 375 में हुए संसोधन के बाद पत्नी और पति के बीच सम्बन्ध के लिए सहमती की आवश्यकता नहीं है।
वकील ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान व्यक्ति के वकील ने कहा कि अपीलकर्ता के खिलाफ कोई सबूत मौजूद नहीं हैं इसलिए सिर्फ महिला द्वारा दिए गये बयान के आधार पर उसे दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। क्योंकि दो अन्य गवाहों के मुताबिक महिला को डिलीवरी के समय से समस्याएं थीं और जिसकी वजह से ब्लीडिंग और पेट दर्द होता था।