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लखनऊ के कुकरैल जंगल में धूम्रपान करने से रोकने पर, महिला ने काटा स्टाफ का कान

एक महिला ने वन कर्मचारी का कान इसलिए काट लिया क्योंकि उसने उसे जंगल में धूम्रपान करने से रोका था। घटना शनिवार दोपहर को कुकरैल जंगल में हुई और कर्मचारी को महिला ने लहूलुहान कर दिया और वह अपने दोस्त के साथ मौके से फरार हो गई।

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Priya Singh
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Crime (Freepik)

(Image Credit : Freepik)

UP Lucknow Woman Bites Staff's Ear After Stopping Her From Smoking In Kukrail Forest: एक चौंकाने वाली घटना में, एक महिला ने एक वन कर्मचारी का कान काट लिया क्योंकि उसने उसे जंगल में धूम्रपान करने से रोका था। यह घटना शनिवार दोपहर को यूपी के कुकरैल जंगल में हुई और कर्मचारी को महिला ने लहूलुहान कर दिया, जो स्कूटर पर अपने दोस्त के साथ मौके से भाग गई। गुडम्बा थाना पुलिस ने घटना के एक दिन बाद मामला दर्ज किया।

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लखनऊ के कुकरैल जंगल में धूम्रपान करने से रोकने पर, महिला ने काटा स्टाफ का कान

ख़बरों के मुताबिक, संविदा कर्मचारी 22 वर्षीय विकास को सूचना मिली कि कुकरैल जंगल के फेज 2 में आग लग गई है। वह तुरंत मौके पर पहुंचे और देखा कि एक जोड़ा अपने पार्क किए हुए स्कूटर पर धूम्रपान कर रहा है।

कर्मचारियों का बयान

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विकास ने उन्हें धूम्रपान करने से मना किया लेकिन दंपति उससे बहस करने लगे। पुलिस से बात करते हुए विकास ने कहा, ''मैंने उन्हें सिगरेट पीने से मना किया, जिस पर वे मुझसे बहस करने लगे। बहस हिंसक हो गई और दोनों ने मुझ पर हमला भी कर दिया। बाद में लड़की ने मेरा कान काट दिया। मैं मदद के लिए चिल्लाने लगा क्योंकि आसपास कोई नहीं था। जब उन्होंने मुझे मदद के लिए चिल्लाते हुए सुना, तो वे अपने दोपहिया वाहन पर घटनास्थल से भाग गए।

गुडंब के SHO नितीश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बहस से गुस्साई महिला ने कर्मचारी का दाहिना कान काट लिया। पुलिस दंपत्ति की तलाश कर रही है। SHO ने बताया कि वाहन नंबर के आधार पर दंपति के खिलाफ आईपीसी 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 324 (खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

हमारे देश में लोगों के लिए नियमों का पालन करना इतना कठिन क्यों है? 

यह ऐसी पहली घटना नही है जब किसी ने नियमों का पालन न करने के लिए हिंसात्मक कदम उठाया हो। ऐसा अक्सर ही देखने को मिल जाता है। बड़े-बड़े शहरों से लेकर गावों तक यह जगह ऐसे लोग हैं जिन्हें शायद नियमों को फॉलो करने से कोई परहेज होता है। वह फिर किसी भी तरह का नियम हो सकता है लोग उसे तोड़ने में ज्यादा ख़ुशी महसूस करते हैं। लोग सिकायत करते हैं कि शहर गंदा है। ट्राफिक बहुत है सुविधाएँ नही हैं। लेकिन ट्राफिक रूल्स फॉलो करना नही चाहते हैं। रोड्स की क्लीनिंग होने के बाद कब वे पान मसाले के थूकने से लाल हो जाती हैं पता ही नही चलता है। दीवारों पर टॉयलेट करने को रोके जाने और सुलभ शौचालयों का निर्माण होने के बावजूद भी लोग उनका इस्तेमाल करने का जहमत नही उठा पाते हैं। इसके बाद भी सिकायत होती है कि समस्याएं बहुत हैं और टोका तो बिलकुल भी ना जाए। 

किसी जंगल में खड़े होकर धूम्रपान करने से पहले व्यक्ति को खुद इतना अवेयर तो होना ही चाहिए कि आग लगने से क्या परस्थिति हो सकती है और यदि आप अवेयर नही हैं तो कम से कम किसी के टोकने पर उस बात पर आप एक नार्मल प्रतिक्रिया देकर आप चीजों को सही कर सकते हैं। यदि आप नही सही कर सकते हैं तो कम से कम आप मानवीय व्यवहार तो कर सकते हैं। आपको इस बात का ध्यान रखने कि आवश्यकता है कि आप दुनिया में अकेले नही रह रहे हैं आप एक कम्युनिटी का हिस्सा है शायद आपके कार्यों से अन्य लोगों को नुकसान हो सकता है और इतना आप एक नागरिक होने के नाते तो समझ सकते हैं।

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