Uttar Pradesh/ Varanasi/ Assi Ghat: उत्तर प्रदेश के वाराणसी के अस्सी घाट से जुड़ी खबर सामने आ रही है। अब वाराणसी में महिलाएं चेंजिंग रूम में कपड़े बदल सकेगी इसके साथ ही गंगा भी अब स्वच्छ रहेगी। इसके लिए विशाल प्रोटेक्शन फोर्स और सृजन सामाजिक संस्था और गंगा टास्क फोर्स की ओर से महिलाओं के लिए 2 चेंगिंग रूम और 5 अर्पण स्थल (अर्पण कलश) बनाए हैं।
वाराणसी के अस्सी घाट में बने चेंजिंग रूम
किसी भी घाट में जाओ तो सबसे बड़ी महिलाओं को जो समस्या होती है वो है चेंजिंग रूम का न होना। महिलाओं को घाट पर ही परदा कर कपड़े चेंज करने होते हैं। लेकिन अब वाराणसी के अस्सी घाट में इस समस्या का समाधान करने की कोशिश हुई है। इसी तरह पवित्र नदियों में नदियों में ही पुष्प और अन्य पूजन सामग्री अर्पित कर दी जाती है जिससे नदियों का पानी अस्वच्छ हो जाता है। वाराणसी के अस्सी घाट में इस प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। अर्पण कलश से गंगा नदी को किसी तरह प्रदूषित नहीं होना पड़ेगा। गंगा की पूजा भी हो जाएगी और किसी भी तरह के प्रदूषण से भी गंगा बच जाएगी।
आज अस्सी घाट पर स्वच्छता के क्रम में घाट की सफाई और महिलाओं को कपड़ा बदलने के लिए चेंजिंग रूम लगाया गया है। गंगा के किनारे अर्पण कलश लगाया गया है, जिसमें गंगा जी में फूल माला इत्यादि न डालकर अर्पण कलश में आने वाले श्रद्धालु डाल सके। यह कार्य विशाल प्रोडक्शन फोर्स के तत्वावधान में किया गया है। अस्सी घाट पर महिलाओं के लिए दो चेंजिंग रूम और पांच अर्पण कलश लगाया गया है। —अनिल सिंह, सृजन सामाजिक संस्था
और घाटों में भी बढ़ेगी व्यवस्था
कार्यक्रम के दौरान पुरोहित बलराम मिश्रा ने इसके लिए सभी अतिथियों का स्वागत किया। अतिथियों को पुष्प माला और स्मृति चिन्ह दिया। इसके साथ ही गंगा की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए उपस्थित सभी लोगों को शपथ भी दिलाई।
हर घाट पर अर्पण कलश लगाया जायेगा। जो लोग घाट पर पूजा पाठ करने आएंगे वह अपने फूल माला इत्यादि को मां गंगा में इसी के माध्यम से अर्पण करेंगे। वह मां गंगा को अर्पित भी हो जाएगा और इसे फिर निकाल भी लिया जाएगा, जिससे गंगा की स्वच्छता और अविरलता बनी रहेगी। साथ ही महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम बनाया गया हैं, जिससे महिलाएं स्नान करने के बाद यहां पर अपना कपड़ा बदल सकती हैं। अभी इस कार्य की शुरुआत अस्सी घाट से हुई है हम और भी संस्थाओं से बात कर रहे हैं। वाराणसी के विभिन्न घाटों पर इस तरह से यह कार्य किया जाएगा। —सौरभ श्रीवास्तव, कैंट विधायक
नदियों की पवित्रता बनाए रखने के लिए सरकार ही नहीं लोगों की भी जिम्मेदारी है। जब नदियां स्वच्छ होंगी तभी हम स्वच्छ पानी की ओर अग्रसर हो सकेंगे, स्वच्छ पर्यावरण बना पाएंगे। अस्वच्छता से न केवल हमें बल्कि पशु-पक्षियों को भी नुकसान पहुंचता है।