मणिपुर के जिरीबाम जिले में एक राहत शिविर से अपहरण के बाद छह लोगों, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल थे, की हत्या कर दी गई। इस घटना ने पहले से हिंसा से जूझ रहे राज्य में स्थिति को और गंभीर कर दिया है। राज्य में अब तक हिंसा के चलते 230 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
मणिपुर में फिर भड़की हिंसा: जिरीबाम परिवार की हत्या पर केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया क्या है?
महिलाओं और बच्चों पर हिंसा
जिरीबाम के एक राहत शिविर में रह रहे लाइश्रम हीरोजीत ने NDTV को बताया कि 11 नवंबर को सशस्त्र कुकी उग्रवादियों ने उनके परिवार के छह सदस्यों का अपहरण कर लिया। 17 नवंबर को उनके बेटे और सास के शव बराक नदी से बरामद हुए। इससे पहले, 15 नवंबर को उनके आठ महीने के बच्चे, पत्नी की बहन और आठ साल की भांजी के शव असम के सिलचर में मिले थे। उनकी पत्नी का अब तक कोई पता नहीं है।
पिता की दर्दभरी अपील
हीरोजीत ने अपने परिवार के अपहरण के बाद मीडिया से अपील की थी:"मेरे बच्चे मासूम हैं। वे अभी बोलना भी नहीं सीख पाए हैं। कृपया उन्हें सुरक्षित लौटा दें।" उन्होंने यह भी बताया कि अपहरण के दिन उनकी पत्नी ने कॉल कर बताया था कि वे सशस्त्र लोगों से घिरी हुई हैं। कॉल कटने के बाद फोन स्विच ऑफ हो गया। कुछ घंटे बाद, किसी ने बताया कि उनकी पत्नी और परिवार को नाव में ले जाया गया।
Truly heart breaking 💔
— Meitei Heritage Society (@meiteiheritage) November 13, 2024
Listen to Laishram Herojit whose wife, 2 children, mother-in-law and wife's sister are among the 6 individuals abducted by #KukiHmar Terrorists.
One has to be a devil, and not just terrorists, to abduct small children and women. #KukiWarCrimes… pic.twitter.com/CA11KsvBau
हिंसा ने पकड़ा जोर
परिवार की हत्या की खबर के बाद मणिपुर में हिंसा तेज हो गई। 16 नवंबर को भीड़ ने कई वाहनों और संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आवास पर भी हमला करने की कोशिश की गई। इस घटना के बाद राज्य में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया और प्रदर्शन
केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच, मणिपुर की स्थिति को लेकर विभिन्न शहरों में मेइती समुदाय द्वारा कैंडललाइट मार्च निकाले गए। मणिपुर की नेशनल पीपल्स पार्टी ने मुख्यमंत्री पर हिंसा रोकने में असफल होने का आरोप लगाते हुए बीजेपी सरकार से समर्थन वापस ले लिया है।
The National People's Party today decided to withdraw its support from the Manipur coalition government.
— National People’s Party (NPP) (@nppmeghalaya) November 17, 2024
NPP National President and HCM Shri. @SangmaConrad in a letter to the President of BJP Shri. @JPNadda ji informed that by witnessing the deterioration of law pic.twitter.com/FGo3RCxdkz
मणिपुर में शांति की उम्मीद
मणिपुर की यह घटना न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। सवाल उठता है कि कब तक मासूम लोगों की जान इस हिंसा की भेंट चढ़ती रहेगी? क्या केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस संकट का समाधान निकाल पाएंगी?