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Viral Question Paper: 1943 का कॉमर्स का प्रश्नपत्र उड़ा रहा सबका होश

न्यूज़ : समय के साथ-साथ पढ़ाई का पैटर्न बहुत तेजी से बदल जाता है। इस प्रश्नपत्र को गौर करके देखा जाए तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश की पढ़ाई कितनी तेजी से बदली है। प्रश्नपत्र को आज कोई नहीं हल कर पा रहा है।

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Prabha Joshi
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1943 कॉमर्स प्रश्नपत्र

1943 के कॉमर्स प्रश्नपत्र को एक्सपर्ट्स भी नहीं कर पा रहे सॉल्व (Image Credit: @BLSwarnkar2 Twitter)

Viral Question Paper: समय के साथ-सााथ पढ़ाई और उसका पैटर्न किस तरह बदल जाता है, इस बात का अंदाजा इस प्रश्नपत्र के माध्यम से लगाया जा सकता है। दरअसल सोशल मीडिया में कॉमर्स का एक प्रश्नपत्र बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। ये प्रश्नपत्र 1943 का पांचवी कक्षा का है। खास बात ये है कि इस पांचवी कक्षा के 1943 के कॉमर्स के प्रश्नपत्र के प्रश्नों को आज के युग का कोई व्यक्ति हल नहीं कर पा रहा है। खुद एक्सपर्ट्स के भी प्रश्नपत्र को देखकर पसीने छूट रहे हैं। 

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दरअसल समय के साथ-साथ पढ़ाई का पैटर्न बहुत तेजी से बदल जाता है। इस प्रश्नपत्र को गौर करके देखा जाए तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश की पढ़ाई कितनी तेजी से बदली है। 1943 के इस प्रश्नपत्र में ऐसे-ऐसे प्रश्न हैं जिनको आज के समय में बनाने की कल्पना भी नहीं की जा सकती, इनको हल करना तो दूर की बात है। इस प्रश्नपत्र से ये अनुमान लगाया जा सकता है कि उस समय की कॉमर्स की पढ़ाई कैसी रहा करती होगी। 

कैसा है 1943 का कॉमर्स प्रश्नपत्र 

खबर के अनुसार 1943 के इस कॉमर्स के प्रश्नपत्र को रिटायर्ड आईएएस अफसर बद्री लाल स्वर्णकार ने ट्विटर में अपने हैंडल से शेयर किया है। उन्होंने अपनी पोस्ट में अंग्रेजी में लिखा है, "लुक ऐट द स्टैंडर्ड ऑफ क्लास फिफ्थ पेपर्स इन द हाफ इयरली एक्जामिनेशन इन 1943-44 इन इंडिया। द मेट्रिक सिस्टम हेज मेड द सिस्टम सो इजी!" अपनी इस पोस्ट को उन्होंने 2 मई को शेयर किया है। 

किस तरह के हैं प्रश्नपत्र में प्रश्न

1943 के इस पांचवी कक्षा के कॉमर्स के पेपर के प्रश्न बहुत ही ज्यादा दिलचस्प है। दरअसल इस दिलचस्पी के पीछे खास वजह ये है कि आज ऐसे प्रश्नों की कल्पना भी नहीं की जा सकती और न ये प्रश्न आज के समय में किसी से हल हो पा रहे हैं। वहीं प्रश्नपत्र में प्रश्नों में प्रयोग की गई भाषा भी बहुत ही ज्यादा टेक्निकल है जैसे पल्ला, रिम, दस्ता और गुरु शब्द। वहीं प्रश्नों की बात करें तो काजग के दाम, आटे का भाव और व्यापारिक पत्र लिखने जिसमें बाजार भाव की मंगाने जैसे 10 प्रश्न हैं। प्रश्नपत्र की भाषा हिंदी है लेकिन आज के समय में समझ पाना असंभव-सा है। 

Viral Question Paper 1943 कॉमर्स प्रश्नपत्र
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