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जानिये व्योमित्र को -स्पेस में जानेवाली हाफ ह्यूमनॉइड से

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Swati Bundela
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व्योमित्र -द हाफ ह्यूमनॉइड


व्योमित्र अपने शब्दों में, एस्ट्रोनॉमर्स के हर ग्रुप के मेंबर की एक्टिविटी की "नकल" कर सकती हैं और यहां तक ​​कि "उन्हें पहचान सकती हैं और उनके प्रश्नों का जवाब दे सकती हैं"। बुधवार को बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में इसरो द्वारा व्योमित्र को भेजा गया था जहां उसने कहा "हाय, आई एम व्योमित्रा, फर्स्ट प्रोटोटाइप ऑफ़ हाफ ह्यूमनॉइड।"
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इसरो के एक वैज्ञानिक के अनुसार, व्यामित्रा एक हाफ ह्यूमनॉइड है क्योंकि उसके पैर नहीं हैं। इसरो के वैज्ञानिक सैम दयाल ने कहा, "इसे हाफ ह्यूमनॉइड कहा जाता है क्योंकि इसमें पैर नहीं होते हैं। यह सिर्फ दाएं -बाएं और आगे झुक सकता है। यह कुछ एक्सपेरिमेंट्स को पूरा करेगी और हमेशा इसरो कमांड सेंटर के कांटेक्ट में रहेगी।"

स्पेस एजेंसी की योजना इस साल के अंत में व्योमित्र को स्पेस में भेजने की है जब यह गगनयान प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में मानव रहित उड़ानों को स्पेस में लॉन्च करेगा। अपने 2019 के स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित गगनयान प्रोजेक्ट, भारतीयों को स्पेस में भेजने की महत्वाकांक्षी योजना है।
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स्पेस में जानेवाले भारतीय


एक भारतीय - विंग कमांडर राकेश शर्मा - अंतरिक्ष में गए हैं। लेकिन, उन्होंने एक रूसी स्पेसक्राफ्ट पर एक कॉस्मोनॉट के रूप में ऐसा किया। दूसरी ओर, गगनयान प्रोजेक्ट का लक्ष्य तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजना है, जो भारतीय रॉकेट द्वारा भारत से लॉन्च किए गए एक भारतीय अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष में भेजते हैं।
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भारतीय वायु सेना के सभी पायलट - गगनयान मिशन के लिए पहले ही शॉर्टलिस्ट किए जा चुके हैं। वे रूस और भारत में ट्रेनिंग प्राप्त करेंगे। इसके साथ ही, भारतीय वायु सेना के डॉक्टरों को अंतरिक्ष में उड़ने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य की निगरानी में ट्रेन होने के लिए फ्रांस भेजा जाएगा।
#फेमिनिज्म
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