जानिए क्या कहा उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री Mayawati ने जातिगत जन गड़ना के मुद्दे पर

बसपा प्रमुख मायावती ने जातिगत जनगणना पर भाजपा और कांग्रेस को घेरा, ओबीसी और दलितों से बसपा को समर्थन देने की अपील की। उन्होंने कहा कि केवल बसपा ही बहुजन समाज की सच्ची हितैषी है।

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Priya Singh
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What Former UP Chief Minister Mayawati Said On The Issue Of Caste Census: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस दोनों पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ओबीसी और दलित वर्गों के कल्याण के लिए इन दोनों प्रमुख दलों पर भरोसा करना घातक हो सकता है। मायावती ने जोर देकर कहा कि बसपा ही इन वर्गों की सच्ची हितैषी पार्टी है और केवल वही उनके अधिकारों की असली संरक्षक है।

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जानिए क्या कहा उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री Mayawati ने जातिगत जन गड़ना के मुद्दे पर

Amar Ujala की खबर के मुताबिक, मायावती ने कहा कि ओबीसी समाज का भविष्य बसपा से ही सुरक्षित हो सकता है। भाजपा और कांग्रेस जैसे दल सिर्फ अवसरवाद की राजनीति कर रहे हैं और अब जब केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जनगणना के साथ जातिगत जनगणना कराने की घोषणा की है, तब ये दोनों दल इसका श्रेय लेने की होड़ में लगे हुए हैं।

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जातिगत जनगणना पर राजनीति

उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस लंबे समय तक जातिगत जनगणना से दूर भागते रहे, लेकिन अब जब बहुजन समाज जागरूक हो चुका है, तो ये पार्टियां खुद को ओबीसी हितैषी बताकर वोट बटोरना चाहती हैं। मायावती ने दावा किया कि यदि इन दलों की नीयत साफ होती, तो ओबीसी समाज को विकास में उसका उचित स्थान कब का मिल गया होता।

मायावती ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का आत्म-सम्मान और स्वाभिमान का मिशन आज भी अधूरा है। अगर भाजपा और कांग्रेस ने वाकई बहुजन समाज के कल्याण की नीयत रखी होती, तो बाबा साहेब का सपना अब तक पूरा हो गया होता। बसपा ने हमेशा दलितों और पिछड़ों के हक की आवाज उठाई है और वही इस संघर्ष को आगे बढ़ा रही है।

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'वोट हमारा, राज तुम्हारा नहीं चलेगा' का आह्वान

मायावती ने बहुजन समाज से आह्वान किया कि वह 'वोट हमारा, राज तुम्हारा नहीं चलेगा' के नारे को साकार करते हुए अपने पैरों पर खड़ा हो। उन्होंने आगाह किया कि भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों पर भरोसा करना उनके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।

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क्या है जातिगत जनगणना?

जातिगत जनगणना का अर्थ है देश की आबादी को जातियों के आधार पर आंकड़ों में बांटना। इससे यह स्पष्ट होता है कि कौन-सी जाति कितनी आबादी में है और किसके पास कितने संसाधन हैं। इससे सामाजिक असमानता दूर करने में मदद मिलती है और नीति निर्धारण में पारदर्शिता आती है।

Caste Census Mayawati