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UP Teacher's Digital Attendance: आखिर उत्तर प्रदेश में डिजिटल अटेंडेंस पर क्यों मचा है बवाल? जानिए महत्वपूर्ण बातें

उत्तर प्रदेश अक्सर किसी न किसी बात को लेकर चर्चा का विषय बना रहता है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में एक नया नियम लागू किया गया शिक्षकों के लिए डिजिटल अटेंडेस जिसको लेकर प्रदेश में विवाद फैला हुआ है।

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Priya Singh
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UP Teacher's Digital Attendance(Swadesh, Freepik)

(Image Credit : Swadesh, Freepik)

What is digital attendance against which UP school teachers are protesting?: उत्तर प्रदेश अक्सर किसी न किसी बात को लेकर चर्चा का विषय बना रहता है फिर चाहे वह यूपी सरकार की बुल्डोजर नीति हो या फिर कोई नया नियम लागू करना हो। हाल ही में उत्तर प्रदेश में एक नया नियम लागू किया गया शिक्षकों के लिए डिजिटल अटेंडेस जिसको लेकर प्रदेश में विवाद फैला हुआ है। दरअसल उत्तर प्रदेश में बीते 8 जुलाई से बेसिक, कंपोज़िट और कस्तूरबा स्कूलों के शिक्षकों के लिए डिजिटल अटेंडेस का नियम लागू किया गया। जिसके बाद प्रदेश के तमाम शिक्षकों ने इस नियम का विरोध किया और सरकार को इससे होने वाली परेशानियाँ गिनाई साथ ही कुछ मांगे भी रखीं। लेकिन उतार प्रदेश सरकार ने फिर भी इस नियम को लागू किया। इस नियम के पीछे सरकार का उद्देश्य स्कूलों की व्यवस्था को सुधरना और शिक्षकों की लापरवाही को खत्म करना है। लेकिन प्रदेश भर में इसका विरोध किया गया। आइये जानते हैं इसे विस्तार से-

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योगी सरकार ने दी डिजिटल अटेंडेस से 2 महीने के लिए राहत 

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने डिजिटल अटेंडेस पर मचे बवाल के बाद एक बड़ा फैसला लिया। सरकार ने आज यूपी के स्कूलों में अगले 2 महीने के लिए डिजिटल अटेंडेस पर रोक लगा दी है। यूपी के शिक्षक संघ ने आज मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से मुलाक़ात की। इस बैठक के बाद मनोज कुमार सिंह ने ये आदेश दिया कि यूपी के स्कूलों में अगले 2 महीने तक डिजिटल अटेंडेस नहीं लगेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विषय पर कल ही संज्ञान लिया था उन्होंने आदेश दिया कि कमेटी बनाकर समस्याओं का निपटारा किया जाए उसके बाद फैसला लिया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भरोषा दिलाया कि प्रदेश में सबके हितों का पूरा ध्यान रखा जायेगा।

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UP Teacher's Digital Attendance: क्या है डिजिटल अटेंडेंस?

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में पूरे प्रदेश के बेसिक, कंपोज़िट और कस्तूरबा स्कूलों के शिक्षकों के लिए डिजिटल अटेंडेस का नियम लागू किया। इस नियम के तहत शिक्षकों को अपनी हाजिरी ऑनलाइन लगानी होगी। अगर स्कूल खुलने का समय सुबह 8 बजे है तो शिक्षकों को 07:30 बजे से 07:45 तक अपनी फोटो टेबलेट से लेकर यूपी सरकार के प्रेरणा एप पर अपलोड करनी पड़ेगी और ऐसा शिक्षकों को दिनभर में 3 बार करना पड़ेगा। साथ ही प्रेरणा एप सिर्फ निर्धारित समय के आस पास ही काम करेगा और स्कूल परिसर के अन्दर ही अटेंडेस लगाई जा सकेगी। वहीं छुट्टी का समय यदि 02:30 बजे है तो प्रेरणा एप पर अटेंडेस 15 से 30 मिनट पर लगेगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने हर स्कूल को 2 टेबलेट प्रोवाइड कराए हैं। लेकिन इस पर शिक्षकों ने इस नियम का विरोध किया जिसके बाद स्कूल खुलने के समय यानी कि 8 बजे अटेंडेस लगाने की छूट दी गई। लेकिन शिक्षक इस बात से भी संतुष्ट नही थे और उन्होंने सरकार के इस फैसले का विरोध करना जारी रखा। यह मामला कोर्ट तक भी पहुंचा।

क्यों कर रहे हैं शिक्षक विरोध?

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दरअसल इस नियम से यूपी के शिक्षक खुश नहीं हैं उन्होंने इस नियम को लेकर कई खामियां बताई और सरकार के सामने कुछ मांगे भी रखीं। शिक्षकों के विरोध के कई कारण हैं। जैसे कि जिस समय पर यह नियम लागू किया गया है वह गलत है बारिश का मौसम है कहीं कहीं पर स्कूलों में पानी भरा होता है तो कहीं पर रास्तों में पानी और बाढ़ जैसी स्थिति है अगर शिक्षक ऐसी समस्याओं के बीच फंसता है तो वह क्या करेगा। साथ ही शिक्षकों की यह भी मांग है कि हाफ सीएल की व्यवस्था करे सरकार और एप 24 घंटे खुला रहे। 4 दिन यदि कोई शिक्षक लेट आता है तो एक कौजुअल लीव काट ली जाए। साथ ही शिक्षक यह भी कह रहे हैं कि कोई भी आपात स्थिति में हाजिरी में ढील भी दी जाये। छुट्टी के बाद अटेंडेस की जो समय सीमा तय की गई है वह गलत है। यदि छुट्टी हो चुकी है और किसी को इमरजेंसी में कहीं जाना है तो वह कैसे जायेगा। साथ ही एप में लोकेसन गलत बताता है और एक दो मिनट की देरी होने पर भी हाजिरी नही लगती है। इसलिए शिक्षक इस नियम को लेकर विरोध कर रहे हैं। 

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डिजिटल अटेंडेस के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा

शिक्षकों द्वारा डिजिटल अटेंडेस का विरोध करने के बाद सरकार ने कड़ा रुख अपनाया था और कहा था कि अगर शिक्षक हाजिरी नही लगाते हैं तो उनपर विभागीय कार्यवाही की जायेगी, वेतन रोक लिया जायेगा और साथ ही इसे विभागीय आदेश की अवहेलना भी माना जायेगा. इस पर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने यूपी की वर्तमान योगी सरकार पर निशाना शाधा और कहा कि डिजिटल अटेंडेस शिक्षकों पर जल्दबाजी में थोपा गया फैसला है साथ ही उन्होंने यूपी के स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव भी बताया है.

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इसी के साथ ही उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी वर्तमान भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि शिक्षकों और बच्चों के अभिभावकों को जितनी जल्दी ये बात समझ आ जाएगी कि भाजपा सरकार शिक्षक और शिक्षा के ख़िलाफ़ है और भाजपा की वजह से बच्चों का भविष्य अंधकारमय है, उतनी ही जल्दी परिवर्तन के लिए ज़मीन बननी तैयार हो जाएगी। 

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