आज के समय में जब पर्यावरण संकट की गंभीरता बढ़ रही है, तब तमिलनाडु की दो साल की बच्ची Aadavi ने दुनिया को एक नई दिशा दिखाई है। वह दुनिया की पहली 'कार्बन-न्यूट्रल' बच्ची बन गई हैं, और इस उपलब्धि को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। आइए जानते हैं कैसे एक छोटी सी बच्ची ने पर्यावरण के लिए एक बड़ा कदम उठाया।
दुनिया की पहली 'कार्बन-न्यूट्रल' बच्ची Aadavi की प्रेरणादायक कहानी
Aadavi की प्रेरणादायक कहानी
Aadavi, जिसे NOVA के नाम से भी जाना जाता है, तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले की निवासी हैं। उनकी कहानी तब शुरू होती है, जब उनके पिता, दिनेश एस पी, ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास को छोड़कर पर्यावरण संरक्षण के लिए एक एनजीओ 'Seerakku' की स्थापना की। उनकी पत्नी, जनगानंदिनी डी, उनके साथ इस पहल में शामिल हुईं।
Aadavi के जन्म के बाद, इस दंपति ने अपने गांव शिवलिंगपुरम में एक 'एग्रोफोरेस्ट्री मॉडल फूड फॉरेस्ट' स्थापित किया। इस मॉडल के माध्यम से, दिनेश और जनगा ने स्थानीय किसानों के साथ मिलकर इस परियोजना को अमल में लाया, ताकि यह वन हमेशा बढ़ता रहे और Aadavi की जीवनभर की कार्बन उत्सर्जन को संतुलित कर सके।
कैसे हुई Aadavi को 'कार्बन-न्यूट्रल' बनने की सफलता?
Aadavi को 'कार्बन-न्यूट्रल' बनने का श्रेय उनके माता-पिता की हरी सोच और पर्यावरण के प्रति उनके प्रयासों को जाता है। Aadavi के एक साल से भी पहले, उनके माता-पिता और स्थानीय किसानों ने उनके घर के आसपास कम से कम 6,000 फलदार वृक्ष लगाए थे। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि Aadavi द्वारा उत्पन्न की जाने वाली कार्बन उत्सर्जन पूरी तरह से पर्यावरण द्वारा अवशोषित हो जाएगी। इस तरह से वह जीवनभर शून्य कार्बन उत्सर्जन करने वाली बच्ची बन गई हैं।
Aadavi का भविष्य और उनकी प्रेरणा
मार्च 2024 में, Aadavi को चेन्नई में एक कार्यक्रम में एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा 'दुनिया की पहली कार्बन-न्यूट्रल बच्ची' के रूप में सम्मानित किया गया। इसके साथ ही तमिलनाडु सरकार ने उन्हें 'ग्रीन मिशन' का 'चाइल्ड एंबेसडर' नियुक्त किया।
दिनेश और जनगा का उद्देश्य है कि Aadavi की कहानी और उनके प्रयास अन्य माता-पिता को प्रेरित करें ताकि वे अपने बच्चों के लिए एक हरा-भरा भविष्य छोड़ सकें। उन्होंने अब तक 3 लाख से अधिक पेड़ लगाए हैं और कई तरह की स्थिरता संबंधित पहलों को बढ़ावा दिया है।
भारत को एक स्थायी भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन
दिनेश और जनगा का यह प्रयास न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने पेड़ पौधे लगाने, जल संरक्षण, वन संरक्षण, और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने जैसे कई पहलों के माध्यम से भारत को एक स्थायी और हरा-भरा देश बनाने की दिशा में काम किया है।