Anita Anand बनीं कनाडा की नई विदेश मंत्री, गीता पर हाथ रखकर ली शपथ, भारतीय मूल की पहली हिंदू महिला को बड़ी जिम्मेदारी

भारतीय मूल की नेता अनिता आनंद ने भगवद गीता पर हाथ रखकर कनाडा की विदेश मंत्री पद की शपथ ली। जानिए उनके सफर, उपलब्धियों और क्यों यह भारत के लिए गर्व का क्षण है।

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Vaishali Garg
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Anita Anand

Anita Anand Photograph: (Blair Gable/Reuters)

भारतीय मूल की राजनीतिज्ञ अनिता आनंद ने 13 मई को भगवद गीता पर हाथ रखकर कनाडा की विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली। प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की कैबिनेट में हुए बड़े फेरबदल में उन्हें यह अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले मेलानी जोली इस पद पर थीं, जो अब इंडस्ट्री मंत्री बनी हैं। अनिता आनंद अब कनाडा की पहली हिंदू विदेश मंत्री बन गई हैं।

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Anita Anand बनीं कनाडा की नई विदेश मंत्री: गीता पर हाथ रखकर ली शपथ, भारतीय मूल की पहली हिंदू महिला को बड़ी जिम्मेदारी

अनिता आनंद कौन हैं?

अनिता आनंद 2019 से कनाडाई संसद की सदस्य हैं और पहले भी कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। वो प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की कैबिनेट की पहली हिंदू मंत्री रह चुकी हैं और अब मार्क कार्नी सरकार में एक अहम चेहरा बनकर उभरी हैं।

उनका जन्म 20 मई 1967 को केंटविले, नोवा स्कोटिया में हुआ। उनके माता-पिता, सरोज डी राम और एसवी आनंद, भारत के पंजाब और तमिलनाडु से 1960 के दशक में कनाडा आए थे। आनंद ने पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई के लिए 18 साल की उम्र में ओंटारियो का रुख किया।

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शिक्षा और शुरुआती करियर

अनीता ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से जुरिसप्रुडेंस में ऑनर्स के साथ बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री पूरी की। इसके बाद उन्होंने डलहौज़ी यूनिवर्सिटी से कानून में स्नातक और टोरंटो यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री प्राप्त की।

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत शिक्षा क्षेत्र से की। येल लॉ स्कूल सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाने के साथ, वह यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में निवेश संरक्षण और कॉर्पोरेट गवर्नेंस के जेआर किम्बर चेयर पर भी रहीं।

राजनीतिक सफर

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2019 में उन्होंने ओकविल से सांसद का चुनाव जीता और अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। कोविड-19 महामारी के दौरान, पब्लिक सर्विस और प्रोक्योरमेंट मंत्री के रूप में उनकी भूमिका सराहनीय रही। उन्होंने कनाडाई नागरिकों के लिए ऑक्सीजन और वैक्सीन आपूर्ति जैसे अहम काम किए।

2021 में, उन्होंने नेशनल डिफेंस मंत्री का पद संभाला। इस दौरान उन्होंने कनाडाई सेना में यौन उत्पीड़न के मामलों पर सुधार लाने और यूक्रेन को सैन्य सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

वर्तमान में, आनंद परिवहन मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने सड़क, राजमार्ग और रेल परिवहन को सुधारने के साथ-साथ हरित परिवहन को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं।

अनीता आनंद की उपलब्धियां और प्रेरणा

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अनीता आनंद LGBTQIA+ अधिकारों की समर्थक और रंगभेद के खिलाफ एक प्रेरणादायक प्रतीक मानी जाती हैं। वह भारतीय मूल के समुदाय के लिए गर्व का विषय हैं।

कनाडा के राजनीतिक परिदृश्य में उनकी बढ़ती लोकप्रियता और मजबूत नेतृत्व क्षमता ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की दौड़ में एक प्रमुख उम्मीदवार बना दिया है। क्या अनीता आनंद कनाडा की पहली भारतीय मूल की प्रधानमंत्री बनेंगी? यह तो समय ही बताएगा।