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इन्होंने इससे पहले हाई कोर्ट में पेटिशन फाइल की थी कि ताज महल के 22 कमरे इनके लिए खोल दिए जाएं। राजकुमारी दिया कुमार ने ताज महल की जगह पर अपना दावा किया है और इनका कहना है कि यह इनके परिवार की ज़मीन पर बनाया गया है। इन्होंने कहा कि इनके पास जयपुर रॉयल फैमिली का इस ज़मीन पर हक़ साबित करने के लिए डाक्यूमेंट्स भी हैं।
दिया कुमारी ने कहा जिस वक़्त ताज महल बना था उस वक़्त कोई लॉ एंड आर्डर नहीं था लेकिन अब है। इनके परिवार को उस वक़्त इस ज़मीन के लिए कुछ पैसे भी दिए गए थे और यह सभी डिटेल्स इनके पोतिखाना के रिकार्ड्स में हैं।
दिया कुमारी जयपुर की रॉयल फैमिली से हैं और इससे पहले इन्होंने कहा था कि इनके परिवार के लोग भगवन राम के वंशज हैं। इसके लिए भी इन्होंने कहा था कि इनके पास डॉक्यूमेंट है सुप्रीम कोर्ट को दिखने के लिए। इन्होंने ऐसा इसलिए कहा था ताकि भगवन राम के मंदिर बनने में आसानी हो सके।
आगरा कला आलीशान ताज महल 1631 में मुग़ल एम्परर शाह जहाँ ने ले लिया था और इसके अगले साल ही यहाँ ताज महल बनना शुरू हो गया था। यह मोन्यूमेंट पूरा सफ़ेद मार्बल से बना है और इसको बनने में पूरे 22 साल लगे थे और इसे 22000 वर्कर्स ने मिलकर बनाया था। कोर्ट में जो प्ली फाइल की गयी है उसके हिसाब से यहाँ पहले शिव मंदिर था जिसको हटाकर शाह जहाँ ने अपनी बीवी की समाधि बना दी थी।
बीजेपी के अयोध्या के मीडिया इनचार्ज रजनीश सिंह भी आगे आये और बोले कि कुछ इतिहासकार और हिन्दू ग्रुप का कहना है कि पहले यहाँ शिव मंदिर था। इसलिए एस्ट्रोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा स्पेशल कमीटी बनाकर इस बात का पता लगाना चाइये। रजनीश सिंह ने यह भी कहा कि हम यहाँ राम मंदिर बनाने के नहीं कह रहे हैं लेकिन सच सबके सामने आना जरुरी है।
2017 में बीजेपी MP विनय कटियार ने उत्तरप्रदेश CM से डिमांड की थी कि ताज महल का नाम बदलकर तेजोमहल रखा जाए। 1965 में एक PN ओक नाम के इतिहासकार ने इनकी किताब में लिखा था कि ताज महल से पहल यहाँ शिव मंदिर हुआ करता था ।