तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी ‘टूलकिट’ सोशल मीडिया पर साझा करने के मामले में निकिता जैकब पर गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि निकिता भी टूलकिट मामले में शामिल हैं। ‘टूलकिट’ को फ़रवरी के शुरुवाती दिनों में स्वीडन की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग (Swedish climate activist Greta Thunberg) ने ट्वीट किया था। मामले के चलते निकिता जैकब ने बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच कर कोर्ट में अंतरिम जमानत की मांग की है। जैकब ने अपनी याचिका में जल्द से जल्द सुनवाई की मांग भी की। कोर्ट इस मामले में गुरुवार को सुनवाई करेगा।
ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में अभी निकिता जैकब के साथ शांतनु के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी हुआ है। इससे पहले रविवार को दिल्ली पुलिस ने बंगलुरु से 21 साल की दिशा रवि को भी इस मामले में गिरफ्तार किया था। फिलहाल दिशा को कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
कौन है निकिता जैकब ?
निकिता ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर एक वेबसाइट का लिंक शेयर किया है। इस वेबसाइट पर उन्होंने अपना परिचय देते हुए बताया है कि वो एक वकील हैं। साथ ही, सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों पर भी अपनी आवाज बुलंद करती रहती हैं। आगे निकिता अपने बारे में बताते हुए कहती हैं कि वह लेखक, गायिका और वॉइस आर्टिस्ट बनना चाहती हैं। उन्हें फोटॉग्राफी का भी शौक है और साथ ही खाना बनाना भी पसंद है।
NBT नवभारत टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, निकिता कहती हैं कि उन्हें वर्ग विभेद बिल्कुल पसंद नहीं है। "मैं किसी भी उम्र या पृष्ठभूमि के व्यक्ति से बातचीत करके आसानी से जुड़ सकती हुँ।" वह खुद को गहन आलोचक बताती हैं और कहती हैं कि उन्हें तथ्यों और आंकड़ों का तार्किक और भावनात्मक, दोनों स्तर पर विश्लेषण करना अच्छा लगता है।
क्या होती है ‘टूलकिट’ ?
टूलकिट में किसी भी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है। इस मामले में यह 'टूलकिट' किसान आंदोलन से जुड़ी है, जिसे स्वीडन की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने फ़रवरी के शुरुवाती दिनों में ट्वीट किया।