Pooja Singhal: From Youngest IAS to Corrupt Official: पूजा सिंघल, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की अधिकारी रहीं, जिन्हें 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनका यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है। आइए देखें पूजा सिंघल के करियर की शुरुआत से अब तक हुए खुलासों को।
पूजा सिंघल: सबसे युवा IAS से भ्रष्ट अफसर तक - गिरफ्तारी, आरोपपत्र और सबक
उम्दा करियर की शुरुआत और गिरफ्तारी
पूजा सिंघल, जिनका जन्म 7 जुलाई 1978 को उत्तराखंड के देहरादून में हुआ था, मात्र 21 साल की उम्र में भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुईं। वह उस समय देश की सबसे युवा सिविल अधिकारियों में से एक थीं। उनके करियर में कई महत्वपूर्ण पद शामिल रहे, जिनमें झारखंड राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और बाद में कृषि विभाग में अहम भूमिकाएं रहीं। 2021 में उन्हें झारखंड में खान एवं उद्योग विभागों की सचिव नियुक्त किया गया।
मई 2022 में, पूजा सिंघल को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना के तहत फंड के गबन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कई राज्यों में छापेमारी की और सिंघल और उनके पति से जुड़े एक चार्टर्ड अकाउंटेंट से ₹174.9 करोड़ जब्त किए। इसके बाद उन्हें खान सचिव पद से निलंबित कर दिया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
चौंकाने वाले खुलासे: नकदी और संपत्ति की बरामदगी
पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद, आगे की जांच में और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। अधिकारियों को अतिरिक्त नकदी और 150 से अधिक संपत्ति के दस्तावेज मिले, जिससे पता चला कि उन्होंने अवैध रूप से कमाए धन का निवेश रियल एस्टेट में किया था।
फर्जी कंपनियां और लग्जरी अस्पताल में निवेश
सबसे महत्वपूर्ण खुलासों में से एक 50 से अधिक फर्जी कंपनियों का अस्तित्व था। इन कंपनियों का इस्तेमाल सिंघल के पति द्वारा निर्मित एक लक्जरी अस्पताल 'पल्स' में धन लगाने के लिए किया गया था। आरोप है कि पूजा सिंघल ने इन फर्जी कंपनियों द्वारा ₹100 करोड़ के निवेश को दिखाया। इस जटिल योजना ने काला धन को सफेद करने और पकड़े जाने से बचने के लिए इस्तेमाल किए गए तरीकों को उजागर किया।
कानूनी कार्रवाई और वर्तमान स्थिति (Legal Proceedings and Current Status)
10 अप्रैल 2023 को विशेष प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) अदालत ने पूजा सिंघल के खिलाफ पीएमएलए की धारा 3 और 4 के तहत आरोप तय किए। फरवरी 2023 में बीमार बेटी की देखभाल के लिए उन्हें अंतरिम जमानत मिलने के बावजूद, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और वह हिरासत में ही रह गईं।
सबक और जवाबदेही की जरूरत
पूजा सिंघल का मामला सरकारी क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार का एक ज्वलंत उदाहरण है। जन कल्याण के लिए आवंटित धन का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया गया। धन के इस दुरुपयोग से न केवल जनविश्वास कमजोर होता है, बल्कि नागरिकों को आवश्यक सेवाओं और विकास से वंचित रहना पड़ता है।