Riiohlang Dhar: भारत की पहली 'Best Female Assistant Referee' बनने वाली मेघालय की बेटी

रियोह्लंग धर दूसरी भारतीय महिला बनीं जिन्होंने FIFA U-17 महिला विश्व कप में रेफरी करने का मौका पाया। मेघालय की इस होनहार खिलाड़ी ने अपने संघर्ष और लगन से देश का नाम रोशन किया। 

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Vaishali Garg
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Riiohlang Dhar

Photograph: (AIFF)

भारतीय फुटबॉल के इतिहास में रियोह्लांग धर ने एक नया अध्याय जोड़ा है। 2 मई 2025 को भुवनेश्वर में आयोजित AIFF (All India Football Federation) अवॉर्ड्स में उन्हें पहली बार घोषित किए गए 'Best Female Assistant Referee' अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान न सिर्फ उनके करियर की बड़ी उपलब्धि है, बल्कि भारतीय महिला खेल प्रतिनिधित्व के लिए भी मील का पत्थर है।

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रियोह्लांग धर बनीं AIFF की पहली 'Best Female Assistant Referee'

मेघालय की प्रेरणादायक कहानी

रियोह्लांग धर का जन्म और पालन-पोषण मेघालय में हुआ। वह एक सशक्त और स्पष्टवक्ता महिला हैं जिन्होंने 2009 में रेफरी बनने का निर्णय लिया। एक खिलाड़ी से रेफरी बनने की उनकी यह यात्रा आसान नहीं थी, लेकिन उनके जुनून और समर्पण ने उन्हें हर मुश्किल पार करने का हौसला दिया।

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उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया, “जब मैंने फुटबॉल खेलना छोड़ा, तो मैंने अपने शहर में रेफरी कोर्स जॉइन किया। मुझे यह बहुत रोचक लगा क्योंकि इससे मैं उस खेल के करीब बनी रही जिसे मैं दिल से चाहती हूं।”

34 साल की रियोह्लंग धर मेघालय से आती हैं और अपनी मेहनत और लगन के लिए जानी जाती हैं। FIFA द्वारा चुने गए 38 मैच अधिकारियों की लिस्ट में उनका नाम होना उनके संकल्प का प्रमाण है। इस उपलब्धि पर रियोह्लंग ने कहा, “विश्व कप के लिए मेरा चयन मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। मुझे FIFA की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए और मेहनत करनी होगी। मैं भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हूं, इसलिए मैं भारत का झंडा ऊंचा रखने की पूरी कोशिश करूंगी।”

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खिलाड़ी से रेफरी तक का सफर

रियोह्लंग ने साल 2009 में फुटबॉल खेलना छोड़ने के बाद रेफरी बनने का फैसला किया। उन्होंने कहा, “फुटबॉल खेलना छोड़ने के बाद मैंने अपने शहर में रेफरी कोर्स ज्वाइन किया और मुझे यह दिलचस्प लगा क्योंकि इससे मैं अपने प्यारे खेल से जुड़ी रही। इसलिए मैंने सीटी और झंडा थामने का फैसला किया। तब से अब तक मैंने काफी लंबा सफर तय किया है। मैंने कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में काम किया है, लेकिन विश्व कप एक अलग ही अनुभव होगा।”

फुटबॉल जगत की सराहना

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रियोह्लंग के चयन से फुटबॉल जगत में कोई हैरानी नहीं हुई। AIFF रेफरी कमेटी के चेयरपर्सन के. शंकर ने कहा कि विभिन्न AFC और FIFA अंतरराष्ट्रीय मैचों में उनके शानदार प्रदर्शन के कारण उनका चयन हुआ है। उन्होंने कहा, “इस साल इंडोनेशिया में हुए AFC U-17 महिला एशिया कप में रियोह्लंग ने सेमीफाइनल और थर्ड प्लेऑफ में रेफरी की भूमिका निभाई। उनका प्रदर्शन शानदार रहा। उनका चयन AIFF के लिए भी बहुत सम्मान की बात है।”

AIFF का समर्थन

ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) रेफरी के विकास पर काम कर रहा है और रियोह्लंग का चयन इस दिशा में एक बड़ा कदम है। AIFF के सेक्रेटरी जनरल एम. सत्यनारायण ने इसे समय पर मिली सफलता बताया। उन्होंने AIFF की ओर से रेफरी विकास के लिए उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया।

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रियोह्लंग धर के विश्व स्तर पर रेफरी करने की तैयारी में, उनकी उपलब्धि आकांक्षी रेफरी के लिए प्रेरणा और भारतीय फुटबॉल के लिए गौरव का क्षण है।