शाओली मित्रा एक जानी मानी बंगाली आर्टिस्ट हैं। यह एक्टर, प्लेवरिटेर और एक ऑथर भी हैं। इनकी उम्र 73 थी जब आज इन्होंने आखिरी सांस ली। इनकी काफी मसमय से तलिबाट ख़राब थी और फिर हार्ट अटैक से इनकी मौत हो गयी।
इनका जन्म भी आर्टिस्ट के परिवार में ही हुआ था। इसके कारण से इन्होंने अपने करियर की शुरुवात भी काफी जल्दी कर दी थी। इन्होंने बहुरूपी प्रोडक्शंस के अंडर में अपना काम शुरू कर दिया था। इसके लिए इनके पेरेंट्स ने भी इनको सपोर्ट किया था।
शाओली मित्रा कौन हैं?
शाओली सिर्फ 5 साल की थी इन्होंने अपने करियर की शुरुवात कर दी थी। शाओली मित्रा एक जानी मानी बंगाली आर्टिस्ट हैं। इन्होंने 1987 में अपनी पहली फिल्म की थी जिस में इन्होंने राज का किरदार निभाया था। यह पश्चिम बंगा बांग्ला अकादमी की प्रेसिडेंट भी रह चुकी हैं और इन्होंने अपनी आखिरी सांस तक इसकी मैगज़ीन एडिट की हैं।
इनका जन्म वेस्ट बंगाल में हुआ था। इनको कई अवार्ड भी मिले हैं जैसे कि संगीत नाटक अकादमी 2003 में, पद्मा श्री 2009 में और बंगा बिभूषन 2012 में। उन्होंने अपने माता-पिता द्वारा स्थापित एक थिएटर समूह "बहुरूपी" में कई साल बिताए। उन्होंने टैगोर की डाकघर में अमल की भूमिका निभाई।
शाओली अपने माता पिता की एक लौटी संतान थी। इनकी माँ का नाम तृप्ति मित्र और पिता का नाम संभु मित्र है। यह दोनों बहुत जाने माने कलाकार थे। शाओली को हृदय रोग ने परेशान किया जिसके कारण से इनके साउथ कोलकाता के निवास में इनकी मृत्यु हो गयी थी।
उन्होंने अपने माता-पिता से प्रेरित होकर कोलकाता के रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय में रंगमंच में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। और रंगमंच और समकालीन कला पर अपना शोध जारी रखा। उनके शोध में, उल्लेखनीय कार्यों में "बरनाटोक नाट्यधारा" और "रवींद्र संगलापर बचिक अभिनय स्वरूप" शामिल हैं।
2011 में, मित्रा रवींद्र शारदोषतो जन्मवर्षा उद्जापोन समिति के अध्यक्ष बने। वह अपने द्वारा लिखित और निर्देशित नाथवती अनाथबत में द्रौपदी के रूप में अपने एकल प्रदर्शन के लिए और सीताखता या बिटाटा बिटांगसो में सीता के रूप में उनके प्रदर्शन के लिए भी जानी जाती हैं।