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Who Is Shikha Rathore? अहमदाबाद से राजकोट जाने वाली पैसेंजर ट्रेन की पहली महिला ड्राइवर

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Swati Bundela
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Who Is Shikha Rathore? 31-वर्षीय शिखा राठौर ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। हाल ही में उनको अहमदाबाद से राजकोट जाने वाली पैसेंजर ट्रेन में को-पायलट की भूमिका निभाने का मौका मिला। बता दें कि शिखा किसी पैसेंजर ट्रेन कि पहली महिला ड्राइवर बन गयी हैं। इस बात से ये साबित होता है कि शिखा को न ही महामारी ने हराया और न ही सोसाइटी के जाल ने उनको कमजोर किया। बल्कि शिखा ने हालातों से लड़ कर खुद को साबित कर दिखाया। 

Who Is Shikha Rathore? पैसेंजर ट्रेन की पहली महिला ड्राइवर

इससे पहले भी शिखा ने 9 अक्टूबर को अपने साथी के साथ मिलकर, कोयम्बटूर एक्सप्रेस में लोको पाइलट की भूमिका निभाई और इतिहास रच दिया। आगे कई इंटरव्यूज में शिखा ने बताया, कि इस नौकरी के लिए आवेदन करने के बाद भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। रिक्रूटमेंट भरने के बाद कोविद-19 शुरू हो गया, जिसके बाद नौकरी मिलना तो दूर अब तो लोगो से मिलना भी मुश्किल हो गया। सब कुछ जब थोड़ा निर्मल होने लगा तो शिखा राठौर को भी नौकरी के लिए अप्लाई करने का मौका मिल गया। इस तरह शिखा, पैसेंजर ट्रेन की पहली महिला को-पॉयलेट ड्राइवर बनी। 

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"मैं रुकना नहीं चाहती, मेरे लक्ष्य बहुत ऊँचे हैं"- शिखा राठौर

जब शिखा से उनके अचीवमेंट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि वो अभी और आगे बढ़ना चाहती हूँ। जाहिर है कि शिखा अपनी इस अचीवमेंट से बहुत बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा, "मैंने आखिरकार वह किया जो मैंने डिसाइड किया था। लेकिन मेरी रुकने की कोई योजना नहीं है। मैंने अब अपने अचीवमेंट बार को ऊंचा कर दिया है और एक लोको पायलट के रूप में एक एक्सप्रेस / मेल ट्रेन चलाने का लक्ष्य सोचा है।"

बता दें कि रेलवे में उनका सफर आसान नहीं रहा है। शिखा ने 2009 में नौकरी के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसके परिवार की चिंताओं के कारण कि उस समय तक कोई भी महिला लोको पायलट नहीं थी, उसने प्लान को छोड़ दिया। हालांकि, उन्हें 2012 में नौकरी मिल गई। फिर उन्हें 2016 में अहमदाबाद में पोस्ट किया गया और अपने सपने को साकार करने में शिखा को पांच साल और लग गए।

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हाल ही में करीब 20 महिलाओं को मालगाड़ी ड्राइव करने का मौका मिला

मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हाल ही में हमारे विभाग में अधिक महिलाएं शामिल हुई हैं। वर्तमान में करीब 20 महिला सहायक लोको पायलट हैं जो राठौर के अलावा सिर्फ मालगाड़ी चलाती हैं। हालांकि, हमारे पास एक क्रमिक प्रशिक्षण कार्यक्रम की योजना है और अधिक से अधिक महिलाओं को यात्री ट्रेनों में ड्यूटी दी जाएगी।”

2019-20 में, अहमदाबाद डिवीजन ने महिला ड्राइवरों के लिए फैसिलिटीज को उन्नत करने के लिए कोविद लॉकडाउन के दौरान समय का उपयोग किया। अहमदाबाद मंडल रेल प्रबंधक तरुण जैन ने कहा, “हमें शिखा राठौर पर बहुत गर्व है जो एक यात्री ट्रेन यानि पैसेंजर ट्रेन चलाने वाली पहली महिला सहायक लोको पायलट बनीं।”



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