पूरे सोशल मीडिया पर अरेस्ट लीना मानीमैकलाई ट्रेंड में चल रहा है। फिल्म मेकर लीना मानीमैकलाई अरेस्ट का यह ट्रेंड उनकी आने वाली नई फिल्म काली के पोस्टर के रिलीज होने के बाद हुआ है। जाहिर है उनके इस पोस्टर में ही कोई बवाल खड़ा किया है। तो आइए आपको बताते हैं कि क्या है अरेस्ट मानीमैकलाई ट्रेंडिंग में होने की वजह।
क्यों हैं लीना ट्रेंडिंग में?
फिल्म मेकर लीना मानीमैकलाई अपनी नई डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' के पोस्टर की वजह से लोगों की आलोचना का केंद्र बन चुकी है। हाल ही में उनकी फिल्म काली का एक पोस्टर रिलीज हुआ है। इसमें हिंदू देवी काली को स्मोकिंग करते हुए दिखाया गया है। यह देख कर हिंदू समुदाय के लोग भड़क चुके हैं।
इस पोस्टर ने पूरे सोशल मीडिया को गुस्सा कर दिया है और हर कोई लीना मानीमैकलाई पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा रहा है। जब से यह पोस्टर रिलीज हुआ है तभी से अरेस्ट लीना मानीमैकलाई ट्रेंडिंग में है। भारत में लोग अपने धर्म के प्रति बहुत गंभीर हैं। ऐसे में लीना की फिल्म के पोस्टर ने हिंदू धर्म के लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
काली देवी है
काली हिंदू धर्म में पूजे जाने वाली देवी हैं। वक्त एक ही चीज़ को दोहराता है। इससे पहले भी कई फिल्मों और वेब सीरीज जैसे तांडव और बुलबुल ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के कारण आलोचना सही है। काली भी इन्हीं फिल्मों की लिस्ट में आ चुकी है और इसके पोस्टर की वजह से लोग ट्विटर पर लीना मानीमैकलाई की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
ट्विटर रिएक्शन
लीना मानीमैकलाई ने हाल ही में सोशल मीडिया पर कनाडा के एक म्यूजियम में लांच हुए अपने पोस्टर को शेयर किया है। इस पर एक यूजर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि "यह हिंदू धर्म के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा है। अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब यह नहीं होता कि आप अपनी हद पार कर जाएं और क्रिएटिविटी के नाम पर कुछ भी दिखाएं। ऐसी कोई भी आलोचनात्मक चीज किसी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज कैसे हो सकती है?"
एक ओर ट्विटर यूजर ने लिखा "कि यह बहुत ही शर्मनाक है। आपको क्रिएटिविटी के नाम पर कुछ ना मिलने की वजह से आप हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले काम कर रहे हैं। इस देश में दूसरे कई धर्म है अगर आप उनके साथ ऐसा करेंगे तो आपके सर धड़ से अलग कर दिए जाएंगे। इसलिए आपको उनसे डर लगता होगा ना?"
एक यूजर ने लिखा कि"हिंदू देवी देवताओं का मजाक उड़ाने के लिए उन्हें इतनी आसानी से छोड़ना नहीं चाहिए। अगर हिंदू देवी देवताओं की बेइज्जती करना अभिव्यक्ति की आजादी के अंतर्गत आता है तो मोहम्मद की बेज्जती क्यों नहीं? यह कैसी कट्टरता है?"