Woman Forcibly Sits on Man's Lap in Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो, यात्रियों की भीड़भाड़ के लिए जानी जाती है, लेकिन हाल ही में सामने आई एक घटना ने हड़कंप मचा दिया है। एक महिला को भरे हुए डिब्बे में सीट न मिलने पर मेट्रो में एक आदमी की गोद में जबरदस्ती बैठते हुए कैमरे में कैद कर लिया गया। इस घटना ने यात्रियों के व्यवहार और सामाजिक शिष्टाचार पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
दिल्ली मेट्रो में सीट न मिलने पर एक आदमी की गोद में जबरदस्ती बैठी महिला
दिल्ली मेट्रो में महिला का विवादित हरकत
वीडियो में, काले रंग की ड्रेस पहनी हुई महिला सीट न मिलने को लेकर अन्य यात्रियों से बहस करती नजर आ रही हैं। जब उन्हें कोई सीट नहीं मिलती, तो वह एक युवक से उसकी सीट खाली करने के लिए कहती हैं। लेकिन, युवक के मना करने पर, वह जबरदस्ती उसकी गोद में बैठ जाती हैं। इस दौरान वह कहती हैं, "हमें क्या, हम भी बेशर्म बन जायेंगे" इस घटनाक्रम में, एक अन्य पुरुष यात्री को उन्हें जगह देने के लिए अपनी सीट छोड़नी पड़ती है। इसके बाद भी महिला अपने रवैये पर कायम रहती हैं और कहती हैं, "हमें फर्क नहीं पड़ता, आपको फर्क पड़ेगा वो भी अभी नहीं रात को"।
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— Yug (@mittal68218) April 21, 2024
दिल्ली मेट्रो में महिला को सीट न मिली तो आदमी के गोद में बैठ गई। वीडियो हुआ वायरल pic.twitter.com/pTb7dMHAbQ
सोशल मीडिया पर आक्रोश
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद महिला के कृत्य की व्यापक निंदा हुई। लोगों ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) और दिल्ली पुलिस से इस मामले की जांच करने और कार्रवाई करने की मांग की।
सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आईं। कुछ लोगों ने लिखा कि "अगर लिंग बदल दें तो सब हंगामा खड़ा हो जाएगा।" कुछ यूजर्स ने महिला की इस हकदारी भरे रवैये पर निराशा व्यक्त की। वहीं, कुछ लोगों ने बदलते सामाजिक मूल्यों पर चिंता जताई।
जरूरतों को संबोधित करना और विशेषाधिकारों का सामना करना
दिल्ली मेट्रो महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों और गर्भावस्था व मासिक धर्म के लिए समर्पित डिब्बों जैसी सुविधाएं प्रदान करती है। हालांकि, कुछ यात्री विशेषाधिकार और अज्ञानता का मिश्रण प्रदर्शित करते हैं। ये सुविधाएं जरूरतमंद महिलाओं की मदद करने के लिए हैं, लेकिन इन्हें विशेषाधिकार के रूप में इस्तेमाल करना न केवल आसपास के लोगों का अनादर करता है, बल्कि महिलाओं द्वारा ऐसी सेवाओं का दुरुपयोग करने की धारणा को भी बनाए रखता है।
इस घटना में महिला ने न सिर्फ स्थिति का फायदा उठाया बल्कि सार्वजनिक स्थान पर उस आदमी की निजता का अतिक्रमण करके उसका अनादर भी किया। लिंग भेदभाव से ऊपर उठकर यह बात समझनी चाहिए कि सम्मान और दूसरों के लिए ध्यान रखना लिंग की सीमाओं से परे है।