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News: क्यों महिला कांस्टेबल को मेडिकल छात्रा का रूप धारण करना पड़ा

एक महिला पुलिस अधिकारी ने एक सरकारी कॉलेज में रिपोर्ट किए गए रैगिंग के मामले की जांच करने के लिए खुद को एक मेडिकल स्टूडेंट के रूप में बदल लिया। आइए जानते हैं पूरी खबर इस महिला प्रेरक टॉप स्टोरीज न्यूज़ ब्लॉग में -

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Vaishali Garg
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Constable

एक महिला पुलिस अधिकारी

News: एक महिला पुलिस अधिकारी ने एक सरकारी कॉलेज(Government College) में रिपोर्ट किए गए रैगिंग के मामले की जांच करने के लिए खुद को एक मेडिकल स्टूडेंट के रूप में बदल लिया।

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 24 वर्षीय शालिनी चौहान जो मध्य प्रदेश पुलिस में कॉन्स्टेबल की पद पर नियुक्त थी। उन्होंने महात्मा गांधी मेमोरियल नामक, इंदौर के मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के केस मे चल रही जांच पड़ताल मे अहम भूमिका निभाई है। वे करीबन 3 महीने तक इस मेडिकल कॉलेज की छात्रा के वेश मे कॉलेज के अंदर रहीं।

रैगिंग के केस मे बनी थी महिला कांस्टेबल एक मेडिकल छात्रा(ragging case)

कॉलेज में उन्होंने 11 सीनियर छात्रों को फस्ट ईयर के जूनियर्स के साथ रैगिंग करते हुए पकड़ा है। जो 3 महीने से लगातार इन बच्चों की रैगिंग कर रहे थे। जांच के बाद इन सभी 11 सीनियर छात्रों को कॉलेज और हॉस्टल दोनों ही जगह 3 महीने के लिए नितंबित कर दिया गया है। सोमवार के दिन एक अधिकारी के द्वारा स्टेटमेंट जारी की गई जिसमें उन्होंने बताया कि एक 24 वर्षीय महिला अधिकारी जो कि महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में एक अंडरकवर मेडिकल छात्रा का भेष बनाकर रह रही थी।                            

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गुमनाम छात्रा ने कराई थी शिकायत दर्ज

जुलाई में पुलिस को जूनियर स्टूडेंट्स के द्वारा यह शिकायत की गई कि उन्हें उनके सीनियर, तकिए और अपने साथी विद्यार्थियों के साथ सेक्स करने को मजबूर करते थे।उन्होंने यह भी बताया कि सीनियर उन्हे अपनी क्लासमेट के साथ दुर्व्यवहार के लिए मजबूर किया करते थे।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) कि हेल्पलाइन में एक छात्र के द्वारा  शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस शिकायत के दर्ज कराने के बाद 24 जुलाई को प्रशासन ने एक गुमनाम छात्र के ऊपर आपराधिक मामला दर्ज किया। शिकायत दर्ज कराने वाली छात्रा ने ना ही अपना नाम बताया और ना ही रैगिंग करता के नाम को बताया था। शिकायतकर्ता ने सोशल मीडिया की एक चैट के स्क्रीनशॉट को भी प्रस्तुत किया था।

जानें क्यों रचा गया था मेडिकल छात्रा बनने का नाटक:

संयोगितागंज थाने के प्रभारी तहजीब काजी का कहना था, कि यह पता लगाना मुश्किल था कि इस पूरे रैगिंग केस में कितने छात्र शामिल थे। यही कारण था कि महिला कॉन्स्टेबल को इन सभी छात्रों को पहचानने के लिए और इन्हें पकड़ने के लिए  एक मेडिकल कॉलेज स्टूडेंट(Medical College) का रूप बनाना पड़ा था।

News UGC ragging case Government College Medical College
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