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हिमाचल प्रदेश का आदिवासी जिला लाहौल और स्पीति इन दिनों पूरे देश के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गया है। कारण है यहां का संपूर्ण प्रशासन अब महिलाओं के हाथों में है। जिला कलेक्टर से लेकर पुलिस अधीक्षक और पंचायत प्रतिनिधियों तक, हर अहम पद पर अब महिलाएं तैनात हैं। यह भारत के पहले ऐसे जिलों में से एक बन चुका है जहां प्रशासनिक और राजनीतिक नेतृत्व पूरी तरह महिलाओं के पास है।
IAS से लेकर पुलिस तक, लाहौल-स्पीति में सिर्फ महिलाएं चला रही हैं प्रशासन
Kiran Bhadana बनीं पहली महिला डिप्टी कमिश्नर
Kiran Bhadana, 2017 बैच की IAS अधिकारी, 27 अप्रैल 2025 को लाहौल-स्पीति की पहली महिला उपायुक्त नियुक्त हुईं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज से स्नातक और JNU से पोस्टग्रेजुएट, किरण राजस्थान की रहने वाली हैं। तीन बार की असफलता के बाद उन्होंने 2016 में UPSC में 120वीं रैंक हासिल की थी।
उनकी नियुक्ति के साथ ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का वह वादा पूरा हुआ जिसमें उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान कहा था कि राज्य में एक जिला ऐसा बनाया जाएगा जिसे सिर्फ महिलाएं नेतृत्व करेंगी।
कौन-कौन हैं इस महिला प्रशासनिक टीम में?
1. अनुराधा राणा: लाहौल-स्पीति की विधायक
कांग्रेस नेता अनुराधा राणा इस समय लाहौल-स्पीति की विधायक हैं। उन्होंने कहा, “अब महिलाएं अपनी बात रखने में ज्यादा सहज महसूस करेंगी। यह कदम बेहतर और संवेदनशील शासन की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।”
2. बीना देवी: ज़िला परिषद अध्यक्ष
Scheduled Caste समुदाय से आने वाली बीना देवी जून 2024 से ज़िला परिषद की अध्यक्ष हैं। वे जमीनी स्तर पर ग्रामीण महिलाओं की आवाज़ बनी हुई हैं।
3. इल्मा अफ़रोज़: पुलिस अधीक्षक
2018-19 बैच की IPS अधिकारी इल्मा अफ़रोज़ मार्च 2025 में SP नियुक्त हुईं। इंस्टाग्राम पर एक्टिव इल्मा, समाज सेवा और पुलिसिंग दोनों में सक्रिय हैं।
4. आकांक्षा शर्मा: SDM, केलंग
2021 बैच की HPAS अधिकारी आकांक्षा शर्मा को 23 अप्रैल 2025 को केलंग की SDM और DRDA प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनाया गया। वे अपने युवावर्ग के लिए एक प्रेरणा हैं।
5. शिखा सिमतिया: SDM और ADC, काज़ा
चंबा की रहने वाली शिखा सिमतिया, 2019 बैच की HPAS अधिकारी हैं। उन्हें काज़ा का SDM और एडिशनल डिप्टी कमिश्नर बनाया गया है। उन्होंने HPAS परीक्षा में चौथा स्थान हासिल किया था।
राजनीति में भी महिलाओं का दबदबा: कंगना रनौत बनीं MP
लाहौल-स्पीति मंडी लोकसभा सीट का हिस्सा है, जहां से मशहूर अभिनेत्री कंगना रनौत ने 2024 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की। 5.37 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर वे पहली बार सांसद बनीं।
महिला प्रशासन क्यों है ज़रूरी?
भारत जैसे देश में जहां महिलाओं की भागीदारी अक्सर सीमित मानी जाती है, लाहौल-स्पीति का यह उदाहरण एक नई सोच को जन्म देता है। इससे न सिर्फ़ निर्णय लेने में विविधता आती है, बल्कि समाज के हर तबके की आवाज़ प्रशासन तक पहुंच पाती है।
लाहौल और स्पीति ने साबित कर दिया है कि जब महिलाओं को नेतृत्व करने का मौका दिया जाता है, तो वे न सिर्फ़ बराबरी से बल्कि बेहतर तरीके से भी प्रशासन चला सकती हैं। यह पहल ना केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरक उदाहरण है।