Harayana: हरियाणा के कैथल से लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर एक बात सामने आ रही है। महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने लिव-इन रिलेशनशिप के कानून को लेकर ऑब्जेक्शन लगाया है। रेनू भाटिया का कहना है कि महिलाओं पर जो भी अपराध हो रहेे हैं उनके पीछे लिव-इन रिलेशनशिप कानून जिम्मेदार है। कहीं-न-कहीं कानून में बदलाव जरूरी हैं।
बता दें लिव-इन रिलेशनशिप के अंतर्गत महिला और पुरुष आपसी सहमति से एक-दूसरे के साथ रहते हैं। इस दौरान जो कुछ भी होता है वो आपसी सहमति से होता है। लेकिन महिलाओं पर बड़ते मामलों के मद्देनजर महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने लिव-इन रिलेशनशिप कानून को महिला पर अपराध से जोड़ा है।
क्या कहना है चेयरपर्सन रेनू भाटिया का
महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने ये बात पत्रकारों से एक कार्यक्रम के दौरान कहीं। हरियाणा के अंबाला रोड के आर.के.एस.डी. कालेज में साइबर क्राइम जागरूकता कार्यक्रम में उन्होंने हिस्सा लिया था। कार्यक्रम के बाद महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने ये बात पत्रकारों से साझा की।
बता दें आयोग की ओर से जागरूकता कार्यक्रम लगातार चलाए जा रहे हैं। खबर की मानें तो अब तक 18 जिलों में जागरूकता कार्यकर्मों का आयोजन हो चुका है। ये आयोजन 19वें नंबर का था। बढ़ते अपराधों को देखते हुए आयोग ने निश्चय किया है कि वो इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम चलाता रहेगा। वहीं महिला आयोग जागरूकता कार्यक्रम के तहत छोटे-छोटे स्कूली बच्चों को भी जागरूक कर रहा है। इसके लिए महिला आयोग स्कूलों में जाकर छठी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को जागरूक कर रहा है।
आयोग की मानें तो अब तक 1700 मामलों को आयोग सुलझा चुका है। वहीं आयोग को कहना है कि अगर कोई महिला किसी तरह के अपराध में शामिल होती सामने आती है तो उसके खिलाफ 182 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। इसके साथ ही जो उन होटल संचालकों पर भी कार्रवाई की जाएगी जो अवैध तरके से होटल में परमिट करते हैं।
बता दें ऐसे बहुत से मामले होते हैं जिनमें महिलाओं के खिलाफ भी पुरुषों की ओर से केस दायर किए जाते हैंं। ऐसे में महिला आयोग ने स्पष्टता से ये बात जाहिर कर दी है कि उपर्युक्त मामलों में भी महिला आयोग महिलाओं के खिलाफ भी कदम उठा सकता है।