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पुलिसकर्मियों की शिकायत दर्ज कराने महिला वकील ने खटखटाया मुंबई हाई कोर्ट का दरवाजा

न्यूज़: याचिका में पुलिस अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने का भी अनुरोध किया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि बार-बार अनुरोध और आरटीआई क्वेरी के बावजूद पुलिस एंटॉप पुलिस स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने में विफल रही। जानें अधिक इस ब्लॉग में-

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Vaishali Garg
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Bombay HC

Bombay HC (Image Credit: Noel Nadar/Google Maps)

Bombay High Court: पिछले महीने 18 मई को मुंबई के एंटॉप हिल पुलिस स्टेशन के अंदर दो वकीलों पर हमला किया गया था। वकील अपना मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में ले गए और अपने उत्पीड़न में शामिल एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और अन्य कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। वकील साधना यादव और हरिकेश मिश्रा ने कहा कि उन्हें हाई कोर्ट जाने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि एक महीने पहले हुई घटना के बाद भी कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।

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पुलिसकर्मियों की शिकायत दर्ज कराने महिला वकील ने खटखटाया मुंबई हाई कोर्ट का दरवाजा

याचिका के अनुसार 18 मई को दोपहर 2 बजे के आसपास जब वकील यादव और मिश्रा अपने समाज के बीच सामान्य शौचालय को लेकर हुए झगड़े की शिकायत दर्ज कराने के लिए मुंबई के एंटॉप हिल पुलिस स्टेशन गए, तो वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक नासिर कुलकर्णी और अन्य पुलिस कर्मियों ने कथित तौर पर उन पर हमला किया और गैरकानूनी तरीके से उन्हें घंटों तक हिरासत में रखा गया। बता दें की याचिका में कहा गया है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई FIR दर्ज नहीं की गई है। आरोपियों की पहचान पूर्व वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक नासिर कुलकर्णी और ड्यूटी अधिकारी खरावत बापुराव जगन्नाथ के रूप में की गई है। जबकि यादव को भी कथित तौर पर पैर में चोट लगी थी।

याचिका वकील विनय राठी द्वारा दायर की गई है, जिन्होंने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या के प्रयास के लिए धारा 307 और किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल के लिए धारा 354 के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।  

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याचिका में पुलिस अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने का भी अनुरोध किया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि बार-बार अनुरोध और आरटीआई क्वेरी के बावजूद पुलिस एंटॉप पुलिस स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने में विफल रही। हालांकि, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक को यातायात पुलिस विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया और घटना के समय ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। लेकिन वकीलों का मानना है कि पुलिस विभाग आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने में विफल रहा है। कथित तौर पर इस मामले की सुनवाई पहले से ही महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा की जा रही है।

जबकि बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस को शिकायत को माटुंगा पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है और एसीपी माटुंगा पुलिस स्टेशन को मामले की निष्पक्ष और निष्पक्ष तरीके से जांच शुरू करने के लिए कहा है। अदालत ने पुलिस विभाग से 18 मई दोपहर 2:30 बजे से 19 मई 00:30 बजे तक एंटॉप हिल पुलिस स्टेशन के सभी सात कैमरों से छेड़छाड़ न किए गए सीसीटीवी फुटेज को अपने पास रखने को भी कहा।

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