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क्यों बचाना है महासागरों को?
यूनाइटेड नेशंस के अनुसार समुद्र हमारे प्लानेट का 50 प्रतिशत से भी ज़्यादा ऑक्सीजन प्रोडूस करते हैं। ये हमारी इकॉनमी को सपोर्ट करने का एक बहुत बड़ा सोर्स है क्योंकि साल २030 तक 40 मिलियन से भी ज़्यादा लोग सागर बेस्ड इंडस्ट्रीज में कार्यरत रहेंगे। महासागर लगभग 30 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड भी अब्सॉर्ब कर लेते हैं जो हमारे ग्लोबल वार्मिंग की लड़ाई में बहुत एहम है।
क्या है इस दिन हिस्ट्री?
आज ही के दिन साल 1992 में यूनाइटेड नेशंस कांफ्रेंस ऑन एनवायरनमेंट एंड डेवलपमेंट के अर्थ समिट में कनाडा के ओशन्स इंस्टिट्यूट ने इस दिन को मानाने का आईडिया प्रोपोज़ किया था। साल 2008 में यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली ने इस दिन को "विश्व महासागर दिवस" के तौर पे मानाने का रेसोल्यूशन पास किया।
क्या है इस दिन की सिग्नीफिकेन्स?
सागर को हमारे प्लेनेट का लंग्स कहा जाता है। पर फिर भी हर साल 8 जून को ये पता चलता है की इंसान होने के तौर पर हमने प्रकृति और विशेष कर सागरों को कितना ख़राब कर दिया है कचरा, सीवेज और ऑइल स्पिल से। इस दिन को मानाने का पर्पस ही यही है की लोगों को उनके एक्टिविटीज का ओशन्स पे क्या असर पर रहा है उसके बारे में जागरूकता फैलाना। इस दिन को पूरी वर्ल्ड पॉपुलेशन से ये आह्वान किया जाता है की सब एकजुट हो कर महासागरों के सस्टेनेबल मैनेजमेंट के विकल्प ढूंढें।
क्या है इस साल की विश्व महासागर दिवस थीम?
इस साल इस दिन का थीम है "द ओशन: लाइफ एंड लाइवलिहुड्स"। यूएन की वेबसाइट के अनुसार इस साल के इवेंट्स इस बात पर प्रकाश डालेंगे की महासागर कैसे एक अजूबा है और किस तरह ये दुनिया भर के लोगों की ज़िन्दगी और उनके रोज़गार को सपोर्ट करता है। सिर्फ इंसानों को ही नहीं सागर हर प्रजाति के लिए जीवनधारा है। इसलिए इसे अपने स्तर पर जैसे भी हो बचाना बहुत ज़रूरी है। इसलिए इस तरफ अपने कदम ज़रूर बढ़ाएं।