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Dehradun: देहरादून में एक महिला को लगा विश्व का सबसे छोटा पेसमेकर

हैल्थ | न्यूज़: देहरादून स्थित एक अस्पताल जिसका नाम श्री महंत इंदिरेश अस्पताल है, के डॉक्टरों ने हृदय रोग से जुड़ी महिला को सबसे छोटा पेसमेकर देकर जीवनदान दिया। इस पेसमेकर का वजन मात्र 2 ग्राम है, वहीं इसकी साइज भी बहुत छोटी-सी है।

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Prabha Joshi
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पेसमेकर

देहरादून में अब लग सकेगा सबसे छोटा पेसमेकर

Dehradun: उत्तराखंड स्थित देहरादून के पटेलनगर से स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी सराहनीय खबर सामने आ रही है। यहां के एक अस्पताल के विशेषज्ञों ने एक महिला को दुनिया का सबसे छोटा पेसमेकर (World Smallest Pacemaker) लगाकर अपनी सफलता का परचम लहराया है। 

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मालूम हो पेसमेकर एक तरह की डिवाइस होती है जिसे हृदय गति को नियत्रित करने के लिए लगाया जाता है। इसके लिए पेसमेकर को त्वाचा के नीचे स्थित किया जाता है। पेसमेकर तब काम करता है जब हृदय गति में कमी आ जाती है। 

विश्व का सबसे छोटा है पेसमेकर 

दरअसल देहरादून स्थित एक अस्पताल जिसका नाम श्री महंत इंदिरेश अस्पताल है, के डॉक्टरों ने हृदय रोग से जुड़ी महिला को सबसे छोटा पेसमेकर देकर जीवनदान दिया। इस पेसमेकर का वजन मात्र 2 ग्राम है, वहीं इसकी साइज भी बहुत छोटी-सी है। पेसमेकर की साइज एक विटामिन के कैप्सूल बराबर है। इस सफलता से अस्पताल के चेयरमेन श्री महंत देवेन्द्र दास महाराज ने डॉक्टर और उनकी पूरी टीम को बधाई दी।

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इस पेसमेकर का वजन मात्र दो ग्राम है, जो कि दुनिया का सबसे छोटा पेसमेकर है। आकार भी विटामिन के एक कैप्सूल के बराबर है। मेडिकल साइंस में इसे माइक्रा ट्रांसकैथेटर पेसिंग सिस्टम कहते हैं। दुनिया के ब्रेडिकार्डिया के मरीजों के लिए यह विश्व का सबसे छोटा पेसमेकर है। —डा. सलिल गर्ग, वरिष्ठ कार्डियोलाजिस्ट, श्री महंत इंदिरेश अस्पताल

अब तक बड़े शहरों में ही था सुलभ

दरअसल इस तरह के पेसमेकर की व्यवस्था अभी तक बड़े शहरों के बड़े अस्पतालों में ही उपलब्ध थी। लेकिन अब इस सफलता के मद्देनजर देहरादून के इस अस्पताल में भी ये सुविधा उपलब्ध हो गई है। 

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महिला को पहले से ही एक पेसमेकर लगा हुआ था। संक्रमण की वजह से उसको हटाया गया। हमारे सामने मरीज को नया पेसमेकर लगाने की चुनौती थी। पूरी टीम ने इसकी तैयारी की और माइक्रा ट्रांसकैथेटर पेसिंग सिस्टम लगाकर महिला का सफल इलाज किया। महिला अब स्वस्थ्य महसूस कर रही है। —डा. सलिल गर्ग, वरिष्ठ कार्डियोलाजिस्ट, श्री महंत इंदिरेश अस्पताल

खबर की मानें तो इस पेसमेकर का लाभ उन सभी लोगों को मिल सकेगा जो ईसीएचएस, ईएसआइ व सीजीएचएस योजना में आते हैं। बता दें उत्तराखंड में ऐसे बहुत से मरीज हैं जिन्हें पेसमेकर की आवश्यकता होती है। इन मरीजों को अभी तक राज्य से बाहर जाना पड़ता था। इस सफलता से अब वे राज्य में ही अपना इलाज करा सकेंगे।

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