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"दिल्ली में खाने-पीने या दोस्तों के साथ घूमने-फिरने के अलावा ज़्यादा कुछ नहीं था। तभी मुझे और मेरी पार्टनर को ब्रेक रूम शुरू करने का आईडिया आया।" कहती हैं सांवरी
गुड़गांव में स्थित ब्रेक रूम आपको अपनी मर्ज़ी से चीज़ों को तोड़ने देता है। सुनने में अजीब लगता है? ये वही काम है जो आप बचपन से करना चाहते थे मगर माता-पिता के गुस्से की वजह से नहीं कर पाते थे। ब्रेक रूम में, आप उतना सामान तोड़ सकते हैं जितना आप चाहते हैं वो भी बिना किसी की परवाह किये.
शीदपीपल. टीवी ने सांवरी गुप्ता से बात की उनकी जर्नी और ब्रेक रूम के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए।
मैं मनोरंजन के अन्य रूप प्रदान करने के बिज़नेस में रही हूँ। ब्रेक रूम में, हम अपने ग्राहकों को अपनी पसंद के सामान को तोड़ने की स्वतंत्रता देते हैं। मेरी चार लोगों की एक टीम है, जो पूरे सेट-अप का ध्यान रखती है। यह एक मनोरंजक एक्टिविटी है। बहुत से लोग इसे अपने गुस्से को काबू में करने का एक तरीका मानते हैं मगर ऐसा वास्तव में है नहीं। कुछ लोगों के लिए, यह वर्कआउट का एक प्रकार है क्योंकि यह कंप्यूटर गेम नहीं है। आप शारीरिक रूप से इसमें शामिल हैं I बल्कि मैं तो चाहती हूँ कि लोग यहाँ मज़ा करने आएं और किसी नई चीज़ का अनुभव उठायें।
मैं न्यूयॉर्क में पढ़ रही थी जब मैंने कुछ जगहों पर जाकर ऐसा होते हुए खुद देखा है। मैं इस विचार से बहुत प्रभावित हुई थी और दिल्ली में ऐसा कुछ शुरू करने का सोचा। यह काफी मुश्किल रहा क्यूंकि मैंने अपने माता-पिता से इस बारे में बात की थी लेकिन वे इस विचार से खुश नहीं थे। हालांकि, मैं इसे शुरू करने का फैसला कर चुकी थी। मैंने थोड़ी रिसर्च की और इसे शुरू करने में मुझे लगभग ८ महीने लग गए। मुझे डर था कि पता नहीं ये कैसा रहेगा मगर मैंने फिर भी आगे बढ़ने का फैसला किया।
पढ़िए: सिटी स्टोरी, एक वेबसाइट जो शहरों और उनके लोगों को करीब लाती है
हमने पिछले महीने ही ब्रेक रूम लॉन्च किया है। हमें अच्छी मीडिया कवरेज मिल रही है इसलिए हमारी संख्या भी बढ़ रही है। रोज़ तकरीबन १०-१२ लोग यहाँ आते हैं मगर वीकेंड्स पर ज़्यादा भीड़ होती है। और हमें आशा है कि आने वाले समय में ये संख्या और बढ़ेगी।
लोगों का रेस्पॉन्स अच्छा लग रहा है और जब सेशन ख़त्म होने के बाद वो बहार आते हैं तो खुश और उत्साहित होते हैं.
हम अपने ग्राहकों को उन वस्तुओं की एक लिस्ट देते हैं जो वे तोड़ सकते हैं। वे प्रिंटर, पेंसिल, ऑफिस टेबल, अलमारी, टेलीविज़न में से चुन सकते हैं। वे कमरे में उन चीज़ों को तोड़ सकते हैं और मज़े कर सकते हैं।
तो फिर आप कब ब्रेक रूम जा रहे हैं?
पढ़िए: बैबल मी द्वारा अच्छी ऑनलाइन थेरेपी देती हुईं जन्नत बैल
गुप्ता, ब्रेक रूम की फाउंडर और सी.ई.ओ।
गुड़गांव में स्थित ब्रेक रूम आपको अपनी मर्ज़ी से चीज़ों को तोड़ने देता है। सुनने में अजीब लगता है? ये वही काम है जो आप बचपन से करना चाहते थे मगर माता-पिता के गुस्से की वजह से नहीं कर पाते थे। ब्रेक रूम में, आप उतना सामान तोड़ सकते हैं जितना आप चाहते हैं वो भी बिना किसी की परवाह किये.
शीदपीपल. टीवी ने सांवरी गुप्ता से बात की उनकी जर्नी और ब्रेक रूम के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए।
ब्रेक रूम वहां आने वालों की मदद कैसे करता है?
मैं मनोरंजन के अन्य रूप प्रदान करने के बिज़नेस में रही हूँ। ब्रेक रूम में, हम अपने ग्राहकों को अपनी पसंद के सामान को तोड़ने की स्वतंत्रता देते हैं। मेरी चार लोगों की एक टीम है, जो पूरे सेट-अप का ध्यान रखती है। यह एक मनोरंजक एक्टिविटी है। बहुत से लोग इसे अपने गुस्से को काबू में करने का एक तरीका मानते हैं मगर ऐसा वास्तव में है नहीं। कुछ लोगों के लिए, यह वर्कआउट का एक प्रकार है क्योंकि यह कंप्यूटर गेम नहीं है। आप शारीरिक रूप से इसमें शामिल हैं I बल्कि मैं तो चाहती हूँ कि लोग यहाँ मज़ा करने आएं और किसी नई चीज़ का अनुभव उठायें।
इसकी शुरूआत से पहले आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
मैं न्यूयॉर्क में पढ़ रही थी जब मैंने कुछ जगहों पर जाकर ऐसा होते हुए खुद देखा है। मैं इस विचार से बहुत प्रभावित हुई थी और दिल्ली में ऐसा कुछ शुरू करने का सोचा। यह काफी मुश्किल रहा क्यूंकि मैंने अपने माता-पिता से इस बारे में बात की थी लेकिन वे इस विचार से खुश नहीं थे। हालांकि, मैं इसे शुरू करने का फैसला कर चुकी थी। मैंने थोड़ी रिसर्च की और इसे शुरू करने में मुझे लगभग ८ महीने लग गए। मुझे डर था कि पता नहीं ये कैसा रहेगा मगर मैंने फिर भी आगे बढ़ने का फैसला किया।
पढ़िए: सिटी स्टोरी, एक वेबसाइट जो शहरों और उनके लोगों को करीब लाती है
कितने लोग प्रतिदिन ब्रेक रूम आते हैं? उनका रेस्पॉन्स कैसा है?
हमने पिछले महीने ही ब्रेक रूम लॉन्च किया है। हमें अच्छी मीडिया कवरेज मिल रही है इसलिए हमारी संख्या भी बढ़ रही है। रोज़ तकरीबन १०-१२ लोग यहाँ आते हैं मगर वीकेंड्स पर ज़्यादा भीड़ होती है। और हमें आशा है कि आने वाले समय में ये संख्या और बढ़ेगी।
लोगों का रेस्पॉन्स अच्छा लग रहा है और जब सेशन ख़त्म होने के बाद वो बहार आते हैं तो खुश और उत्साहित होते हैं.
लोगों के तोड़ने के लिए आप कैसी चीजें रखती हैं?
हम अपने ग्राहकों को उन वस्तुओं की एक लिस्ट देते हैं जो वे तोड़ सकते हैं। वे प्रिंटर, पेंसिल, ऑफिस टेबल, अलमारी, टेलीविज़न में से चुन सकते हैं। वे कमरे में उन चीज़ों को तोड़ सकते हैं और मज़े कर सकते हैं।
तो फिर आप कब ब्रेक रूम जा रहे हैं?
पढ़िए: बैबल मी द्वारा अच्छी ऑनलाइन थेरेपी देती हुईं जन्नत बैल