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एंटरप्रेंयूर्शिप कमज़ोर-दिल वालों के लिए नहीं है, कहती हैं डॉक्टर से लेखिका बनी चार्मैन रथीश

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Swati Bundela
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एन्त्रेप्रेंयूरल जर्नी


चार्मैन वैसे तो एक होम्योपैथिक चिकित्सक हैं लेकिन वह एक कलाकार भी रह चुकी हैं, कुछ एनजीओ के लिए वॉलंटीयर भी कर चुकी हैं, एक आर्ट गैलरी में प्रशासक रही हैं, वह बैंगलोर आधारित एक हैंडलूम में अपरेंटिस के तौर पर काम कर चुकी हैं और अब वह अपने आप में एक कंपनी आउट 'ओ' बॉक्स की एन्टेर्प्रेनुएर/ इन्फ्लुएंसर हैं, जो बेंगलुरु में एक रचनात्मक लेखन फर्म है।
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उनका मानना ​​है कि उसके सभी अनुभवों ने उनके काम में एक संपूर्ण दृष्टिकोण जोड़ दिया है, "मेरा लेखन करियर अचानक से शुरू हुआ। मैंने कुछ महीनों तक कई चीजों के बारे में ब्लॉगिंग शुरू की थी, एक कंपनी ने मेरा काम ऑनलाइन देखा और मुझे ब्रिटेन आधारित खाद्य वेबसाइटों, बुक-ए-टेबल और रेस्तरां मार्गदर्शिका के लिए खाद्य लेखन और रेस्तरां की समीक्षा के काम पर रख दिया। इसके बाद अमेरिका, यूके, सिंगापुर और भारत में कई सामग्री प्रोजेक्ट में विभिन्न विषयों जैसे डैकोर और चिकित्सा, शराब, होटल, और जुए पर लगातार काम मिलता रहा।

जब काम बिना किसी मार्केटिंग प्रयास के बावजूद आता रहा और वो भी केवल काम के गुणवत्ता के आधार पर, तब चार्मैन ने 'ओ' बॉक्स को बहुत आवेगपूर्वक तरीके से स्थापित किया.
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मुझे एहसास हुआ कि मैं कुछ ठीक कर रही हूँ, लगातार अच्छी क्वालिटी के साथ ऐसा काम देते हुए जो किसी और फर्म ने नहीं दिया। यही वो वक़्त था जब मुझे महसूस हुआ कि मैं वास्तव में कुछ मूल्यवान प्रदान कर रही थी। "
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"एन्त्रेप्रेंयूर्शिप सीखने की जर्नी है- ... काम में, किताबों के माध्यम से, और बाकी माध्यमों से तो हर समय ही। मदद मांग लें, अगर आप कुछ नहीं जानते हैं तो ईमानदारी से सच बोल दें, और शुरू में वित्तीय पहलू को नज़रअंदाज़ कर दें। एक बार आपके उत्पाद या सेवा आपके लिए बोलने लगें, धन अपने आप आपके पास आएगा."


चिकित्सा से लेखन में मेरा परिवर्तन काल संदेह, चिंता और भय से भरपूर रहा। चार्मैने ने लेखन में पूरी तरह से घुसने से पहले काफी सारे करियर में अपना हाथ आज़माने की कोशिश की।  आखिरकार अपने जुनून का पीछा करने से पहले उन्हें एक लंबे समय, कई गलतफहमियों, विफलताओं, भय और आलोचनाओं से गुज़ारना पड़ा। यहाँ तक की उनके आस-पास के लोग उन्हें गंभीरता से नहीं लेते थे और उन्हें मानसिक रुकावटों से आगे बढ़ना पड़ता था और तब जाकर वह अपने पेशे में ऑल राउंड अनुभव हासिल कर पायीं।
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एन्त्रेप्रेंयूर्शिप के साथ उनके अनुभव


वह कहती हैं, "एंटरप्रेंयूर्शिप कमज़ोर-दिल वालों के लिए नहीं है। जब आप मालिक होते हैं, तो हर निर्णय आप पर ही होता है, आपकी सफलता और विफलताएं सीधे आपके कार्यों का परिणाम होती हैं और इस स्तर पर पहुंचने के लिए बहुत कुछ सीखे हुए को भुलाने और पुनः सीखने की प्रक्रिया लगती है ... जो भी आप कमाते हैं वह आपके द्वारा दिए गए काम का ही सीधा परिणाम होता है।
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एंटरप्रेंयूर्स के लिए मेंटर्स आवश्यक हैं, क्योंकि कुछ बाधाएं जो भारी दिखाई देती हैं, वास्तव में मेंटरशिप की मदद से छोटी नज़र आ सकती है।


"मेरी स्टार्टअप यात्रा में विभिन्न चरणों में मुझे सलाह दी गई है और अब मैं उभरती हुई महिला एंटरप्रेन्योर को सलाह देती हूँ - उनके कौशल को समझना, संसाधनों का उपयोग करना, संचालन और मार्केटिंग सहायता प्रदान करना।"

काम और जीवन के बीच संतुलन


चार्मैन को कार्य और जीवन में संतुलन बनाना एक भ्रम की तरह महसूस होता है क्यूंकि उन्हें लगातार अपने दो बच्चों पर पूरा ध्यान देना पड़ता है - एक वह जिसको उन्होने जन्म दिया, और दूसरा जिसका उन्होंने  निर्माण किया। उन्होंने अपनी मुश्किल गर्भावस्था, एक मुश्किल डिलीवरी और अपने बच्चे के कठिन समय से गुज़रते हुए काम किया है। वह बताती है, "जीवन पर संतुलन बनाये रखने पर मेरा विचार है कि हर बार बहुत सारा काम करके आपको कुछ नया करना चाहिए : पार्क में सैर, सिनेमा, किताबें और संगीत। मुझे नहीं लगता कि कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखने के लिए कोई परिभाषित ढंग होता है क्योंकि प्रत्येक कामकाजी व्यक्ति का नज़रिया अलग होता है।"

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चार्मैन का स्टार्टअप फिलहाल विकास दर पर है, और यह अगले पांच सालों में भारत और विदेशों में व्यापक रूप से विस्तार करने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने अंत में कहा कि, एन्त्रेप्रेंयूर्शिप सीखने की जर्नी है- "... काम में, किताबों के माध्यम से, और बाकी माध्यमों से तो हर समय ही। मदद मांग लें, अगर आप कुछ नहीं जानते हैं तो ईमानदारी से सच बोल दें, और शुरू में वित्तीय पहलू को नज़रअंदाज़ कर दें। एक बार आपके उत्पाद या सेवा आपके लिए बोलने लगें, धन अपने आप आपके पास आएगा."

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women entrepreneurs Charmaine Rathish चार्मैन रथीश लेखिका
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