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शीदपीपल.टीवी ने ऑनलाइन सेफ्टी समिट पर एक पैनल डिस्कशन आयोजित किया था. वहां सी.एस.आर की रंजना कुमारी ने कहा,"मुझे लगता है की महिलाओं के जीवन पर हम जिस प्रकार की निगरानी रखते हैं, वो हमें बंद कार्डेनि चाहिए. लोगों को महिलाओं को सशक्त करना चाहिए ताकि वह ऑनलाइन स्पेस में आये और लोगों तक अपनी आवाज़ें पहुँचाएँ."
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ग्रामीण महिलाओं को ऑनलाइन लाने की ज़रुरत
नैसकॉम के प्रसंतो रॉय ने कहा कि हमें ग्रामीण महिलाओं को ऑनलाइन लाने की ज़रुरत है और तभी उनकी प्रतिशतता बढ़ सकती है.
“ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट एक्सेस की दुविधा है और इसके विषय में बहुत बार पूछा जाता है. सरकार का जवाब है,'भारत नेट'. वह कहते हैं कि हर जगह फाइबर है परन्तु वह केवल २०,००० ग्राम पंचायतों में ही उपलब्ध है. और हम लगभग २,००,००० गांव तक पहुंचना चाहते हैं परन्तु हमें प्राइवेट सेक्टर को इसमें लाना ही पड़ेगा तभी अधिकतर ग्रामीण महिलाएं इस सेवा का उपयोग कर पाएंगी. केवल जिओ ही एक ऐसा बड़े स्केल कि पहल है जो लोगों को फ्री डाटा दे रहा है जिसके कारण अनेक लोग मोबाइल डाटा का इस्तेमाल कर रहे हैं", उन्होंने समझाया.
“और यह इस बात का एक बहुत बड़ा उदहारण है कि प्राइवेट सेक्टर से डिजिटल स्पेस में लिंग अनुपात कैसे बेहतर हो सकता है",उन्होंने कहा.
मेंटरिंग और मार्केटिंग की कला उन कुछ चीज़ों में से है जो महिलाओं को ऑनलाइन स्पेस में सीखनी पड़ेंगी ताकि वह अपना नेटवर्क बना सके.
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