शगुन सिंह बरुहा अपने घर पर काम करने वाली सहायक को अपने स्टार्टअप "होमवर्क" के लिए श्रेय देती हैं. होमवर्क एक "फुल हाउस डीप क्लीनिंग" सर्विस प्रोवाइडर है हो डेल्ही के घरों में अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं. शगुन अपनी एन्त्रेप्रेंयूरल जर्नी के विषय में बात करती हैं. उन्होंने काफी चुनौतियों का सामना किया और वह यह भी बताती हैं की किस प्रकार उनके परिवार ने उनकी मदद की
१. अपने बारें में कुछ बताइये
मेरी माता खुद की काबिलियत पर विश्वास रखती हैं. मुझे उनके जीवन से बहुत प्रेरणा मिलती है. मेरे पिता जी आर्मी अफसर हैं. उनकी सकारत्मक सोच मुझे बहुत पसंद है.
अपनी माता और दादाजी से प्रेरित होकर मैंने होटल मैनेजमेंट की डिग्री प्राप्त करी. मुझे मेरी पहली नौकरी ई टी सी होटल्स में मिली. एक समय एसआय जब मेरे लिए परिवार को समय देना ज्यादा ज़रूरी हो गया. मेरे पिताजी ने समय से पहले ही रिटायरमेंट लेकर हमारी पैरेंट कंपनी ऍम सर्विसेज २४८७ शुरू करी. मेरे लिए यह काम करने का एक बेहतरीन तरीका था क्योंकि अपने बेटे के घर लौटते ही मैं घर से काम कर सकती थी.
२. होमवर्क स्टार्ट करने का विचार आपको कैसे आया?
मैं होमवर्क का श्रेय अपनी आया को दूंगी जिसे यह समझ नही आ रहा था की बाथरूम के फ्लोर को गीला किये बिना सफाई कैसे हो सकती है. गुडगाँव का खरा पानी मेरे फर्श को बहुत गन्दा कर रहा था. मुझे पता था की इन् दागों से छुटकारा पाने का एक ही तरीका था. फर्श को पोलिश करना. मुझे फिर इस बात का आभास हुआ की इस इलाके में ऐसे बहुत से लोग होंगे जिन्होंने इतने महेंगे घर खरीदे होंगे और अब उनकी देख-रेख करना बहुत मुश्किल हो गया है.
शगुन सिंह बरुहा अपने घर पर काम करने वाली सहायक को अपने स्टार्टअप "होमवर्क" के लिए श्रेय देती हैं
मैंने होमवर्क २०१२ में शुरू किया. जब मैंने खुद ग्राहकों से बात की तू मुझे ज्ञात हुआ कि उन्हें स्पेसफिक सेवाएं चाहिए थी. हमने तब स्पेसिफिक सेवाएँ शुरू कर दी जैसे डीप क्लीनिंग, किचन क्लीनिंग, सोफा और कारपेट शैम्पू, मार्बल फ्लोर पॉलिशिंग और पेस्ट कण्ट्रोल. इससे ग्राहक हमारी सेवाएँ दिवाली के अलावा बाकी अवसरों पर भी प्रयोग कर पाएँ.
होमवर्क वर्ड ऑफ़ माउथ के कारण प्रसिद्ध हुआ है. २०१५ में बहुत सी नयी कम्पनीज आयी हैं जो फंडेड हैं. हमने फंडिंग से होमवर्क को दूर रखा है. हम अपनी कुलाइटी के कारण ही आगे बड़ रहे हैं.
३. वेंचर लॉन्च करने से पहले आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और आपने इनका कैसे सामना किया?
मैनपावर एक बहुत बड़ी समस्या रही. स्टाफ को सकारात्मकऔर उत्साहित रखना थोड़ा मुश्किल है. कभी कभी उन्हें लगता है की उनके द्वारा अपनाई गयी तकनीक ही सही है. ऐसे में स्किल्ड लोगों को ढूंढना मुश्किल है क्योंकि वह हाउसकीपिंग का काम करने में रूचि नही दिखाते.
एक और समस्या जिसका हमें सामना करना पड़ा था ग्राहकों को अपनी सेवाओं के बारें में शिक्षित करना.
४. काम और जीवन में संतुलन बनाने के विषय में आप क्या सोचती हैं?
इंटरप्रेन्योर बनना एक आसान काम नही है परंतु सबसे अच्छी बात यह है की मैं अपने बेटे को बहुत समय दे पति हूँ जिसका वो पूरा हकदार है. मेरे पास अपने लिए भी समय बचता है. मैं अपनी सहेलियों और परिवार के सदस्यों के साथ भी समय बिता सकती हूँ.
५. एन्त्रेप्रेंयूर्शिप आपको सशक्त कैसे बनाता है?
एन्त्रेप्रेंयूर्शिप की सबसे अच्छी बात है की आप अपने बॉस होते हैं. सभी निर्णय आपको खुद लेने होते हैं.
६. आप पाँच सालों में अपने आप को कहाँ देखते हैं?
मैं योजनाएं बनाने में विशवास नहीं रखती. मुझे अपने ग्राहकों से १००% संतुष्टि की उम्मीद होती है. अगर दोनों पार्टी खुश रहती हैं तो मैं उम्मीद करती हूँ की हम आगे बढ़ेंगे और हमारे जीवन में अच्छी चीज़ें होती रहेंगी. मुझे नहीं पता की अगले ५ वर्षों में मैं कहाँ होंगी पर मुझे यह ज़रूर पता है की में एक खुश और अच्छे मुकाम पर होंगी.