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नयी लेबर लॉस से महीलाओं की सेफ्टी बेहेतर करने का प्लान
यह 'फॅक्टरीस अमेंडमेंट बिल', जो महिलाओं को रात में काम करने के साथ कई और प्रकार की आज़ादियान देता है, पिछले 2 वर्ष से पास होने की प्रक्रिया में है| इसके चलते केंद्रीय सरकार ने प्रदेश सरकारों से अपने स्तर पर बदलाव लाने का अनुरोध किया है|
रितुपरणा चटर्जी, तीमलीस सर्वीसज़ की सीनियर वाइस प्रेसीडेंट ने मिंट से कहा," केंद्रीय क़ानून काफ़ी समय से अनिर्णीत चल रहा है, इसी लिए आवश्यक है के प्रदेश इस मामले में कुच्छ पहल करें| यह माँग उद्योग से काफ़ी समय से चली आ रही है, और अगर केंद्र नहीं, तो प्रदेश सरकार को इस बारे में कुच्छ करना चाहिए|"
इस समय महिलाओं को फॅक्टरीस में सिर्फ़ सुबफ़ 6 से शाम 7 बजे तक काम करने की 'अनुमति' है, जिसके चलते इस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी मात्र एक- चौथाई है| यदि यह बदलाव कामयाबी से लागू हो पाता है, महिलाओं के इस आँकड़े में बहुत तेज़ी से वृत्ति की अपेक्षा की जेया सकती है|