बेंगलुरु में ३१ दिसम्बर,२०१६ को हुई महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटना इस बात का सबूत है की यह शहर महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं हैI यह शहर दुनिया भर से लोगों को काम करने के लिए आकर्षित ज़रूर करता है परंतु महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं सोचे गए हैं.
शांतला भट्ट कहती हैं कि महिलाओं को सर्कार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए.
दूसरी ओर, कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने ३१ दिसम्बर को हुई वारदात के विषय में कहा कि नए साल कि शाम को ऐसी घटनाएँ होती रहती हैं. उन्होंने यह भी कहा की इन घटनाओं का कारण महिलाएँ स्वयं हैंI वह पाश्चात्य सभ्यता को अपनाती जा रही हैं जिसके कारण यह सब हो रहा है.
३१ दिसम्बर की शाम को शहर के अलग अलग क्षेत्रों में छेड़छाड़ के मामले दर्ज हुए हैंI रेड्ड नेटवर्क की अपर्णा पोनप्पा ने कहा कि सर्कार का सारा ध्यान स्टील के फ्लाईओवर में रहता हैI उन्हें महिलाओं कि सुरक्षा पर भी ध्यान देना चाहिए. वह एक ज्यादा ज़रूरी मुद्दा है I उन्होंने यह भी कहा कि शहर के शासन प्रबंध के पास महिलाओं के लिए कुछ करने के लिए कौशल और इच्छा दोनों ही कमी हैI हमारे यहाँ करदाताओं के पैसे दफ्तरों को और सुन्दर बनाने में खर्च हो जाते हैं. के जी जॉर्ज जो कि बेंगलुरु सर्कार के नेता हैं, वह शहर के टेक पार्क और रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्सेस में to स्वच्छता और कानून का पूरा ध्यान रखते हैं, परंतु अपने ही शहर की मुसीबतों का हल निकलने में असमर्थ हैं.
मोम्स एंड स्टोरीज की फाउंडर रेशम कृष्णामूर्ति ने कहा कि २०१७ में भी महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लिया जाताI बहुत दुःख की बात है कि हम एक ऐसे समाज में जी रहे हैं जहाँ बच्चों और महिलाओं को इंसान नहीं बल्कि वस्तुओं की तरह देखा जाता है.
स्थिति प्रत्येक शहर में एक जैसी है. आदमियों को केवल महिलाओं को अपनी शक्ति दिखाने का अवसर चहिये
वन्डरफुल की फाउंडर सिमरन ओबेरॉय ने कहा की स्थिति प्रत्येक शहर में एक जैसी है. आदमियों को केवल महिलाओं को अपनी शक्ति दिखाने का अवसर चहियेI वह ऐसा इसलिए करते हैं ताकि वह समाज में अपने सर्वोच्च स्थान सबको दिखा सके.
ऍफ़ फाइव की मालिनी गौरीशंकर ने कहा की उनकी कंपनी महिलाओं के लिए बेहतर सार्वजनिक स्थल चाहती है परंतु कभी कभी हम खुद महिलाओं की सुरक्षा के लिए उन्हें निर्देश देते हैंI हमें लोगों को बिंज ड्रिंकिंग के खिलाफ जागरूक करना होगाI शहर की जनसँख्या को काबू में लेने के लिए १०००० पुलिस हवलदार भी काफी नहीं हैंI लड़कियों को अपने दोस्तों और परिवार के साथ ही पार्टी करनी चाहिएI बंद जगह में पार्टी करना महिलाओं के लिए एक ज़्यादा सुरक्षित विकल्प हैI
सेवंथ सिन की फाउंडर रचना सिंह का कहना है कि हमारा कानून बहुत मज़बूत नहीं हैI अपराध करने वाले के मनन में कभी किसी प्रकार का कोई दर नहीं होताI एक भद्दी टिप्पणी ही बहुत बड़ी वजह है किसी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिसवालों को किसी के ऍफ़.आई. आर दर्ज करने का इंतज़ार नहीं करना चहिये Iऐसी घटनाएँ भारत में कहीं भी नहीं होनी चहिये.
गमेटिक्स कि को-फाउंडर शांतला भट्ट कहती हैं कि महिलाओं को सर्कार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. अब समय आ गया है कि हम सब आत्मरक्षा सीख लेंI
बेंगलुरु की बिगड़ती परिस्थितियों की ज़िम्मेदारी किसी को तो लेनी ही होगी. मैं नहीं चाहती की बेंगलुरु भी दिल्ली जैसा बदनाम हो जाए.