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न्यायिक सेवा परीक्षा दी और उसमें वो सफल हो गयी हैं. अब वह उसी अदालत में जज बन गयी हैं जहाँ उनके पिता जगदीश शाह ने लम्बे समय तक चपरासी की नौकरी कर चुके हैं.
साल 2013 में उनके पिता उस सिविल कोर्ट से रिटायर हो चुके थे. जुली ने अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के साथ साथ अपने पिता के सपने को भी साकार किया. जुली को परिणाम के विषय में बुधवार को ही पता चला.
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परन्तु दुःख की बात यह है कि जुली अपने पिता के साथ यह खबर बाँट भी नहीं सकती. ऐसा इसलिए है क्यूंकि जुली के पिता जगदीश साह जवाहरलाल नेहरू भागलपुर मेडिकल कालेज अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है. डॉक्टरों ने घरवालों को उनसे बात करने से मना कर रखा है क्योंकि उन्हें आराम की जरूरत है. गुरुवार को उनकी हालत ज्यादा बिगड़ने के कारण, डॉक्टरों के मुताबिक आज शाम तक उन्हें दूसरे शहर रेफर किया जाएगा.
जुली ने बताया कि गवर्नमेंट हाईस्कूल से 2004 में मैट्रिक इम्तहान पास करने के बाद शहर के ही झुनझुनवाला कालेज से उन्होंने आईकॉम की पढ़ाई की. उसके बाद टीएनबी ला कालेज से कानून की पढ़ाई कर 2011 में डिग्री हासिल की.
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जुली की पढ़ाई के दौरान ही 2009 में शादी हो गई थी. उनके पति दिल्ली में एक निजी फर्म में नौकरी करते हैं. मगर पढ़ाई की लगन की वजह से जुली ने इसी साल मार्च में हुई न्यायिक सेवा परीक्षा दी और उन्हें कामयाबी हासिल हुई.
परन्तु जुली इस बात से हताश हैं कि वह अभी तक यह खुशखबरी अपने पिता को अब तक नहीं सुना पाई हैं.
जुली जैसी लड़कियां इस बात का उदाहरण हैं कि मेहनत और लगन का परिणाम हमेशा मीठा ही होता है. हम ऐसी लड़कियों और उनके सफलता प्राप्त करने के प्रयासों की सराहना करते हैं.
पढ़िए : जानिए किस प्रकार अपने भोजन के जूनून को इंदरप्रीत नागपाल ने अपने अचार के व्यवसाय में बदला
साल 2013 में उनके पिता उस सिविल कोर्ट से रिटायर हो चुके थे. जुली ने अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के साथ साथ अपने पिता के सपने को भी साकार किया. जुली को परिणाम के विषय में बुधवार को ही पता चला.
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परन्तु दुःख की बात यह है कि जुली अपने पिता के साथ यह खबर बाँट भी नहीं सकती. ऐसा इसलिए है क्यूंकि जुली के पिता जगदीश साह जवाहरलाल नेहरू भागलपुर मेडिकल कालेज अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है. डॉक्टरों ने घरवालों को उनसे बात करने से मना कर रखा है क्योंकि उन्हें आराम की जरूरत है. गुरुवार को उनकी हालत ज्यादा बिगड़ने के कारण, डॉक्टरों के मुताबिक आज शाम तक उन्हें दूसरे शहर रेफर किया जाएगा.
जुली ने बताया कि गवर्नमेंट हाईस्कूल से 2004 में मैट्रिक इम्तहान पास करने के बाद शहर के ही झुनझुनवाला कालेज से उन्होंने आईकॉम की पढ़ाई की. उसके बाद टीएनबी ला कालेज से कानून की पढ़ाई कर 2011 में डिग्री हासिल की.
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जुली की पढ़ाई के दौरान ही 2009 में शादी हो गई थी. उनके पति दिल्ली में एक निजी फर्म में नौकरी करते हैं. मगर पढ़ाई की लगन की वजह से जुली ने इसी साल मार्च में हुई न्यायिक सेवा परीक्षा दी और उन्हें कामयाबी हासिल हुई.
परन्तु जुली इस बात से हताश हैं कि वह अभी तक यह खुशखबरी अपने पिता को अब तक नहीं सुना पाई हैं.
जुली जैसी लड़कियां इस बात का उदाहरण हैं कि मेहनत और लगन का परिणाम हमेशा मीठा ही होता है. हम ऐसी लड़कियों और उनके सफलता प्राप्त करने के प्रयासों की सराहना करते हैं.
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