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शीदपीपल.टीवी ने कुछ महिलाओं से यह जानने के लिए बात करी कि आर्थिक स्वतंत्रता क्या उनके जीवन में क्या अर्थ है और वह उनके लिए कितना जरूरी है.
बराबर महसूस करने के लिए जरूरी
इशिता चिकारा जिन्होंने दिल्ली महाविद्यालय से फिजिक्स ऑनर्स करी है कहती है कि आर्थिक स्वतंत्रता महिला के सशक्तिकरण के लिए जरूरी है.
"आर्थिक स्वतंत्रता महिलाओं को स्वयं पर निर्भर रहने के लिए प्रेरित करती है. उन्हें किसी और से कुछ मांगने की जरूरत नहीं पड़ती. उन्हें अपना जीवन अपने अनुसार जीने की आजादी देती है. इससे महिलाओं को बराबरी का भी एहसास होता है. "
अपने परिवार का ध्यान रखने के लिए
मद्रास यूनिवर्सिटी की छात्रा राशि गोयल कहती है कि आर्थिक स्वतंत्रता महिलाओं के लिए फायदेमंद है क्योंकि उसके द्वारा वह अपने परिवार का ध्यान रख सकती है. वह अपने घर के आर्थिक व्यय में भी योगदान कर सकती है.
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अपनी पहचान बनाने के लिए
आयुषी जैन जो एक शिक्षक है कहती है कि आर्थिक स्वतंत्रता एक महिला के लिए बहुत गर्व की बात होती है. "आपका काम आपको धन और खुशी देता है. इससे आप अपनी पहचान बनाते हैं और अपने जीवन को अपने पसंद की दिशा में लेकर जा सकते हैं."
आप अपने असूलों से जी सकते हैं
भावना त्रिपाठी जो इस समय एक विदेशी भाषा सीख रही है कहती है," आप स्वयं के लिए नियम बना सकते हैं. आपका जीवन किसी और के इर्द-गिर्द नहीं घूमता.
अन्य मुद्दों का समर्थन करने के लिए
आँचल गोस्वामी जो इस समय एक एनजीओ के साथ काम कर रही हैं कहती हैं," वित्तीय रूप से स्वतंत्र होना वह पहली चीज है जो महिलाएं बदलाव लाने के लिए कर सकती हैं क्योंकि उसके पश्चात ही वह दूसरों की मदद कर पाएंगी और उन मुद्दों के लिए लड़ पाएंगे जो उनके दिल के करीब हैं.
चित्रकार नलिनी मिश्रा त्याबजी ने शीदपीपल.टीवी से एक इंटरव्यू में कहा था कि इससे महिलाओं को स्वयं अपने निर्णय लेने के लिए शक्ति मिलती है.
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