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याना बागबी ऊपरी सुबनसिरी जिले के बाग़ी नामक गाँव की मूल निवासी हैं। वह अरुणाचल प्रदेश की पहली महिला और दूसरी व्यक्ति हैं जिन्हें भौतिकी में डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है। इससे पहले यह उपाधि किसी महिला ने प्राप्त नहीं की।
पासीघाट के जवाहरलाल नेहरू कॉलेज से भौतिकी में याना ने स्नातक की डिग्री प्राप्त की। साथ ही याना ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान स्कूल, नई दिल्ली से भौतिकी में स्नातकोत्तर भी किया।
इसके बाद उन्होंने अपनी पीएचडी थीसिस नॉर्थ ईस्टर्न रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के भौतिकी विभाग के डॉ अरविंद पांडे की देखरेख में की। इसके साथ ही पार्टिमा आर सोलंकी की सह-निगरानी में उन्होंने पानी से भारी धातु आयनों (जैसे लीड और क्रोमियम) के शोधन में आवेदन के लिए इंजीनियर नैनोमैटिरियल्स के अनुप्रयोग के विषय पर काम किया। पार्टिमा आर सोलंकी नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के नेनोसाइंस के विशेष केंद्र से सम्बंधित हैं।
याना ने पानी से जहर भारी धातुओं के सीसा और क्रोमियम के उपचार के लिए कम लागत वाली नैनो-संरचित सामग्री विकसित की है। वह वर्तमान समय में कम लागत वाली नैनो-सामग्रियों का उपयोग करके भारी धातु आयनों की निगरानी और उनके प्रबंधन पर काम कर रही हैं।
क्या यह ख़ुशी के साथ-साथ आश्चर्य की बात नहीं है कि जहां एक तरफ हम विकास और तकनीक के क्षेत्र में पूर्ण गति से आगे बढ़ रहें हैं, उसी तरफ देश के कुछ छोटे राज्यों की स्तिथि में कोई ख़ास बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है? लेकिन यह आशा ज़रूर की जा सकती है की देश का हर एक कोना महिलाओं को साथ लेकर अब आगे बढ़ेगा।
चित्र का श्रेय: नार्थ ईस्ट टुडे