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वह सुबह 11.03 बजे दुनिया में आईं, और बाद में जब उनकी तस्वीर ली गई तो वह बुरी तरह से नाराज दिखीं। लेकिन एक एक रेलवे कर्मचारी की यह बेटी बड़ी होकर यह सीखेगी कि कैसे वह अपने परिवार के लिए अपने गृह राज्य ओडिशा के लिए पीड़ा और संघर्ष के दिन खुशियाँ लाई।
फैनी की कहानी
उसका नाम केवल कुछ घंटे पहले आये साइक्लोन फैनी नाम के एक विशाल तूफान पर रखा गया, जिसने भुवनेश्वर के दक्षिण में स्थित पुरी जिले में दस्तक दी थी। इसकी डरावनी हवाओं ने बुरी तरह से पेड़ और बिजली के खंभे को उखाड़ दिया , और यहां तक कि एक इमारत में खिड़कियों को अंदर धकेल दिया।
तूफ़ान की जानकारी
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने बताया कि इस तूफ़ान में तीन लोग मारे गए थे।
चक्रवात फैनी के भूमि पर पहुंचने से पहले, दस लाख से अधिक लोगों को निकाला गया था। यह अब उत्तर में स्थित है, और एक पश्चिम बंगाल के रास्ते में है।
लेकिन जब फैनी, बच्ची, अपने इस अनोखे जन्मदिन के बारे में जानने के लिए बड़ी होगी , तो वह उम्मीद और भाग्य की भयावहता को भी सुनेगी।
उसका नाम केवल कुछ घंटे पहले आये साइक्लोन फैनी नाम के एक विशाल तूफान पर रखा गया, जिसने भुवनेश्वर के दक्षिण में स्थित पुरी जिले में दस्तक दी थी।
बचाव की योजना
अधिकारियों ने मलबे को हटाने और नागरिकों की मदद करने में कड़ी मेहनत की। हजारों लोगों ने सोशल मीडिया पर हेल्पलाइन साझा की। ओडिशा के संवेदनशील इलाकों में 1,300 से अधिक की गर्भवती महिलाओं को मातृत्व वेटिंग होम (माँ गृह) और अस्पतालों में ले जाया गया, राज्य सरकार ने कहा कि तूफान आने से पहले ही लैंडफॉल हो गया था।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा, "मैं साइक्लोन से प्रभावित परिवारों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम इस दुख की घड़ी में उनके साथ हैं।" उन्होंने कहा कि राहत कार्य के लिए गुरुवार को 1,000 करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया था।
उन्होंने कहा, '' बुरे वक्त का मुकाबला करने के लिए पूरा भारत एक साथ आ रहा है। ''