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मेधा पाटकर ने 9 दिनों बाद अनशन तोड़ा

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Swati Bundela
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मेधा पाटकर 25 अगस्त से बड़वानी जिले के छोटा बारडा में भूख हड़ताल पर थीं, जब गुजरात सरकार ने सरदार सरोवर बांध में पानी के स्तर को बढ़ाने का फैसला किया था। यह फैसला आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों के लिए उचित व्यवस्था किए बिना था।

उन्होंने निवासियों के लिए उचित पुनर्वास सुविधाओं की मांग की थी।
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मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को मेधा पाटकर को लिखे पत्र में उनसे भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया।


राज्य के मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने भी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रभावित लोगों की मदद के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए कार्यकर्ता को लिखा।
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पूर्व विधायक सुनीलम ने कहा कि मेधा पाटकर की तबीयत रविवार रात को खराब हो गई और कई गांवों में पानी भर गया।


बांध का जलस्तर 138।68 मीटर तक पहुंच गया है। बांध को भरा जा रहा था लेकिन पानी गुजरात की ओर नहीं छोड़ा जा रहा था जिससे लगभग 190 गांवों में बाढ़ का डर पैदा हो गया था। अब तक 100 गांवों में पानी पहुंच चुका है।
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सीएम ने की अनशन तोड़ने की अपील


बता दें कि मेधा पाटकर नर्मदा नदी पर गुजरात में बने सरदार सरोवर बांध (एसएसडी) के मध्य प्रदेश के पास बेस जाओंवालों के उचित पुर्नवास और ग्रामीणों को बाढ़ से राहत के लिए बांध के गेट खोल पानी छोड़ने की मांग को लेकर 26 अगस्त से अनिश्चितकालीन 'सत्याग्रह' आंदोलन कर रही थीं। यह गांव एसएसडी के बैकवाटर के जलमग्न क्षेत्र में पड़ता है।
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उससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी मेधा पाटकर से अनशन खत्म करने की अपील की थी लेकिन मेधा ने इससे इनकार कर दिया था। सोमवार सुबह को प्रदेश की काबीना मंत्री विजयलक्ष्मी साघौ ने अनशन स्थल पर मेघा पाटकर से मिलकर उनसे अपना अनशन बंद करने का आग्रह किया और मुख्यमंत्री कमलनाथ से फोन पर उनकी बात भी करवाई गई थी । इसके बावजूद पाटकर ने अपना आंदोलन खत्म करने से इनकार कर दिया था।
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कमलनाथ ने दिया गाँववालो  को आश्वासन


कमलनाथ ने इस मामले में एक वक्तव्य जारी कहा था, 'मेघा पाटकर और एनबीए के समस्त साथियों को मैं यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि मेरी सरकार बाढ़ प्रभावितों के पूर्ण पुनर्वास के लिए ज़रूर काम करेगी । बाढ़ प्रभावितों के सभी दावों और मुद्दों को पूरी तरह से हल किया जायेगा, यह काम नर्मदा घाटी के हर गाँव में शिविर लगाकर किया जाएगा।' मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश शासन का पूरा प्रयास होगा कि बांध के गेट खोले जाएं और पूर्ण स्तर तक जल भराव अभी बंद रखा जाए।
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