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अगर आप एक महिला हैं और पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रहना चाहतीं, तो यह देश आपके लिए काफी अच्छे हैं। अगर आप बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, लाटविया, लक्सेम्बर्ग, और स्वीडन में से किसी भी देश में हैं, तो आपके लिए यहां रहने और काम करने का अनुभव काफी सुखद हो सकता है। यह छह देश पुरुष और महिलाओं को समान कानूनी अधिकार देते हैं।
वर्ल्ड बैंक ने हाल ही में दुनिया के कुल 187 देशों का लैंगिक भेदभाव के सन्दर्भ में मूल्यांकन किया है। बैंक द्वारा प्रकाशित "वीमेन, बिज़नेस, एंड लॉ" रिपोर्ट के अनुसार पिछले दशक तक किसी भी देश में महिलाओं और पुरुष को समान अधिकार देने का प्रयास नहीं किया था। लेकिन स्तिथि कुछ बदलती दिखाई दी है। दुनिया भर के सभी देश अपने प्रयासों में लगे हुए हैं।
दक्षिण एशिया के औसत क्षेत्रीय स्कोर में सबसे बड़ा सुधार हुआ है। एक दशक पहले यह आंकड़ा 50 का दर्ज़ हुआ था लेकिन अब नयी रिपोर्ट के मुताबिक यह आंकड़ा अब 58.36 पर दर्ज़ हुआ है।
सूचकांक ने उन आठ संकेतकों का आकलन किया जो आर्थिक निर्णयों को प्रभावित करते हैं। महिलाएं अपने कामकाजी जीवन के दौरान जिन्हे महसूस करती हैं, जैसे - स्वतंत्रता से लेकर पेंशन प्राप्त करने तक - कानूनी ब्लॉक पर नज़र रखने से लेकर रोजगार और उद्यमिता तक। प्रत्येक देश को स्कोर किया गया और रैंक दिया गया, जिसमें 100 का स्कोर सबसे बराबर था। केवल छह देशों को पूरे अंक दिए गए।
रिपोर्ट में पाया गया कि महिलाओं के अधिकारों की वकालत करने वाले समूहों ने इन सुधारों को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जबकि रिपोर्ट में समग्र प्रगति का उल्लेख किया गया है लेकिन इससे ज्यादा जरुरी इन सभी चीज़ों को जमीन पर लागू करना है। आवश्यक रूप से कानूनी सुधारों के कारण जमीन पर बदलाव नहीं हुआ है और हमे अब उसी प्रयास में जुटने की ज़रूरत है।