Advertisment

विश्व की पहली महिला रिवर पायलट रेशमा नीलोफर नहा से मिलिए

author-image
Swati Bundela
New Update

Advertisment

नहा ने मरीन टेक्नोलॉजी में बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, रांची से बीई किया है। इसके साथ-साथ उन्हें नॉटिकल साइंस में भी उपलब्धि प्राप्त है।

नहा के पास समुद्र में एक कैडेट की तरह एक साल का अनुभव है। उन्होंने एएमईटी का एक प्रचार देखा जिसके बाद उन्हें यह एहसास हुआ कि मेरीटाइम इंडस्ट्री उनके लिए एक अच्छा मंच है।
Advertisment


उन्होंने कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट ज्वाइन करने से पहले मैरस्क लाइन के साथ सेल किया है। इस कंपनी के पास दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाज़ हैं। उनको सबसे ज्यादा प्रेरणा अपने माता-पिता, भाई-बहन, और दोस्तों से मिली है।
Advertisment

"कौन यह कह रहा है कि यह पेशे पुरुष-प्रधान हैं या यह नहीं हैं? जब तक हम पुरुषों को किसी क्षेत्र में हावी नहीं होने देंगे, तब तक कुछ भी पुरुष-प्रधान नहीं है।" - रेशमा नीलोफर नहा


वे कभी भी कोई पारम्परिक पेशा नहीं चाहती थीं। इसी कारण उन्होंने इस पेशे को चुना। इसके साथ ही, वे अपने जीवन के हर दिन को एक चुनौती की तरह जीना चाहती हैं।
Advertisment

उन्होंने तीसरे ग्रेड का पहला एग्जाम पास कर लिया है और अब वे अगले छह महीनों में एक तीसरे ग्रेड की पायलट बन के उभरेंगी।

नहा को लेखन काफी पसंद है। वे अपने आप को एक फोटोग्राफर भी कहती हैं और सोशल मीडिया का भी काफी इस्तमाल करती हैं।
Advertisment


नहा पहले छोटे जहाज़ों का चालन करेंगी और उसके बाद वे दूसरे और पहले ग्रेड की पायलट भी बन जाएंगी।
इंस्पिरेशन #Kolkata port #Pilot #रिवर पायलट #रेशमा नीलोफर नहा
Advertisment