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शराब व्यवसाय में हर बाधा को पार करती, लिसा स्राओ.

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Swati Bundela
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लिसा ने पाँच वर्ष पहले, परम्परागत रूप से पुरुषों के वर्चस्व वाले शराब व्यवसाय में कदम रखने का निर्णय लिया और तब से लेकर आज तक उनकी कंपनी, ब्रांड बेवरेजेस ने ६ पुरस्कार जीते हैं और उनका टर्नओवर हर वर्ष बढ़ता जा रहा है.

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सबसे बढ़कर, अपने सपनों पर भरोसा रखो.



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लिसा का यह सफ़र २००३ में शुरू हुआ, जब उन्होंने अपने पति और दो बच्चों के साथ इंग्लैंड से भारत आने का निर्णय लिया. इसके पहले, वे लन्दन में मीडिया उद्योग में कार्यरत थीं. वे कहती हैं, “मैं अपने विकल्प खुले रखना चाहती थी, अपने बच्चों के साथ समय बिताना चाहती थी और खुद का कुछ शुरू करना भी मेरे मन में था.”



क्या भारत, शराब व्यवसाय में एक महिला प्रमुख के लिए तैयार है?

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विस्तृत रिसर्च के बाद, लिसा ने पाया कि भारतीय बाज़ारों का उच्च क्वालिटी के अंतर्राष्ट्रीय उत्पादों से कोई विशेष परिचय नहीं था - या तो वे बहुत अधिक आयात शुल्क लगाए जाने के कारण अत्यंत महँगे थे या तर अथवा खराब. शराब उद्योग में कदम रखने के उनके निर्णय के पीछे कुछ हद तक यह कारण भी था कि उनके पिता का, इंग्लैंड में डबल डच नामक एक बियर ब्रांड था. इंग्लैंड और विश्व भर की उच्च गुणवत्ता शराब से लिसा का परिचय था. भारत में इस प्रकार के उत्पादों के लिए, बाज़ार सम्भावना पर उनका ध्यान गया. 

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लिसा ने कहा, “इस बात को ख़याल में रखते हुए, मैं देश भर की डिस्टिलरी और ब्रेवरी में गयी. मुझे एक ऐसी जगह की तलाश थी जो मुझे वो दे सके जो मैं चाहती थी.” लिसा और उनके पति ने इस सपने को हकीकत बनाने के लिए अपनी बचत का ज़्यादातर हिस्सा खर्च कर दिया.



पर क्या भारत, शराब व्यवसाय में एक महिला प्रमुख के लिए वाकई तैयार था?

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लिसा ने कहा, “मुझे कोई गंभीरता से नहीं लेना चाहता था. मुझसे कहा गया कि अपने उत्पादों को बाज़ार में लाने के लिए वितरकों को पैसे देने होंगे.”



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यहाँ मौजूद ठेकेदारी संस्कृति और भारत के हर राज्य के अल्कोहल आयात के लिए अलग-अलग नियम और शुल्क, इन बातों ने स्थितियों को और भी मुश्किल बना दिया. इसके बाद भी, ब्रांड एंड बेवरेजेस के उत्पाद (ये दो तरह की व्हिस्की, रम और ब्रांडी बनाते हैं) ११ राज्यों में मौजूद हैं और जल्द ही कंबोडिया और विएतनाम में भी निर्यात किए जाएँगे.



अपने परिवार का ख्याल रखते हुए भी, अपने काम में श्रेष्ठ हुआ जा सकता है.

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लिसा इसे संभव बनाने के लिए अपने स्टाफ की बहुत प्रशंसा करती हैं. उन्हें लगता है कि एक उद्यमी के लिए, विस्तृत रिसर्च करना बहुत आवश्यक है जिससे वे जान सकें कि उनका व्यवसाय स्केलेबल है अथवा नहीं.



लिसा ने अपने दिल की बात कही, “सबसे बढ़कर, अपने सपनों पर भरोसा रखिए. खासकर महिलाओं को यह भरोसा रखना ही होगा कि आप अपने परिवार का ख़याल रखते हुए भी अपने कार्य में श्रेष्ठ हो सकती हैं. भले ही आपके चुनाव से लोग नाखुश हों, पर किसी भी कीमत पर थमिए नहीं.”



 



 
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