लोग मुझे मेरे काम के बलबूते पर जड्ज कर सकते है. मैं इस बात से सहमत हूँ की मैं कौन हूँ और मेरा क्या वजूद है.
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हूमें उन लोगों की मदद करनी चाहिए जिन्हे सोसाइटी ने अलग समझा है और जिन्हे सपपोर्ट की ज़रूरत है
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माफी, दरवाजे फिर से खोलने का एक तरीका है
हूमें और अधिक अच्च्ची नौकरियों की ज़रूरत है. ऐसे नौकरियाँ जो हार्ड वर्क और हिम्मत को ध्यान दें और बड़ावा दें
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यह दुनिए और भी अच्छी जगह बन सकती है अगर लोग इस बात पर ध्यान दें की वह स्वयं क्या कर रहे है, क्या अचीव करना चाहते है, अप्नी कदर वह किस बेंचमार्क से करते है. यह सोचना की और लोग, अन्य जनता उनके बारे में क्या सोचती है, यह बेफज़ूल है.